सूरजपुर। रक्षाबंधन पर्व पर अपने घर पर मनाने के लिए 5 अगस्त को अहमदाबाद से सूरजपुर के लिए निकला इसरो में कार्यरत वैज्ञानिक दीपक पैकरा अचानक लापता हो गया। वह घर जाने के बजाय एकांत में रहने के लिए पुरी में पहुंच गया था और किसी से भी संपर्क नहीं कर रहा था।
सूरजपुर जिले के कसेकला गांव के एसईसीएल कर्मचारी रामदास पैकरा का बेटा दीपक पैकरा अहमदाबाद के इसरो संस्थान में सी श्रेणी वैज्ञानिक के पद पर है। वह पांच अगस्त को हैदराबाद से ट्रेन पर सवार हुआ था और रायपुर में उतरना था। वहां से उसे अपने घर कसेकला, सूरजपुर के लिए निकलना था। इधर 8 अगस्त को तय समय पर घर नहीं पहुंचने से परिवार के लोग परेशान हो गए। वह फोन भी रिसीव नहीं कर रहा था। तब उन्होंने सूरजपुर पुलिस को सूचित किया कि दीपक पैकरा रास्ते से कहीं गायब हो गया है। सूरजपुर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया तो पता चला कि वह ओडिशा के पुरी में है। सूरजपुर पुलिस की एक टीम पुरी पहुंची। लोकेशन के आधार पर टीम ब्लू मून होटल पहुंची लेकिन वह वहां नहीं मिला। इसके बाद उसकी तलाश रेलवे स्टेशन में शुरू की गई। स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे और प्लेटफार्म में उसका पता नहीं चला। इसके बाद ओडिशा पुलिस की मदद से वह फिर पुरी में उसकी तलाश करने लगी। पुलिस के साथ दीपक पैकरा का भाई राजेश पैकरा भी गया था। वहां उसने सी बीच थाने में भाई के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। इसी बीच पुरी की पुलिस टीम को वह स्टेशन में दिखा। उसे पुलिस ने अपने पास बिठा लिया और सूरजपुर से आई पुलिस टीम को सूचित किया। युवा वैज्ञानिक ने पुलिस को बताया कि वह कुछ दिन एकांत में सबसे अलग थलग रहना चाहता था क्योंकि वह काम के बोझ से कुछ थका हआ महसूस कर रहा था। इसीलिए वह किसी का फोन नहीं उठा रहा था और बीच-बीच में मोबाइल फोन बंद कर देता था।
वैज्ञानिक दीपक पैकरा के मिल जाने पर परिजन और पुलिस ने राहत की सांस ली। कल देर रात उसे लेकर पुलिस सूरजपुर के लिए रवाना हो गई है।