पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा बताये गये आकड़े के अनुसार कहा कि आकडे़ ही बंया कर रही है कि प्रदेश में सभी वर्ग व आमजनों के साथ किस हद तक शोषण हो रहा है, जिस कारण आमजन प्रताड़ित होकर आत्महत्या के लिये विवश हो रहे हैं उन्होनें कहा कि आत्महत्या के संबंध में एन. सी. आर. बी ने राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश के आत्महत्या दरो को स्पष्ट करते हुए एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य आत्महत्या की दर में तीसरे स्थान पर है, वहीं केवल राज्य को देखा जाये तो छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है व आत्महत्या की दर देखा जाये तो 31.8 है जबकि देश में आत्महत्या की औसत दर 12.0 है इसके अनुसार प्रदेश में देश से लगभग तीन गुना अधिक आत्महत्या होने की दर है उन्होनें कहा कि प्रदेश में यह स्थिति अत्यंत दयनीय व खतरनाक दिशा की ओर संकेत दे रही है वहीं सबसे कम मृत्युदर वाले राज्य बिहार, मणिपुर एवं उत्तर प्रदेश की है उन्होनें कहा कि आज प्रदेश की आम जनता व हर वर्ग के लोग राज्य की कांग्रेस सरकार के रिति- नीति व झूठे वादों से अपने आप को छला महसूस कर प्रताड़ित हो रहे है जिस कारण वह आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं उन्होनें कहा कि इन आकड़ो को देखते हुए स्पष्ट है कि प्रदेश के आमजन कांग्रेस सरकार की कुनतियों से तंग आ चुके है साथ ही प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है । सभी तरफ भय व आतंक का वातावरण है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलकात में कभी भी अपराध आत्महत्या जैसे बातों पर चर्चा नहीं करते है वे केवल वही बात करते है जिसका जनता से कोई सरोकार नहीं होता है।
आत्महत्या के आकड़े ही बंया करती है प्रदेश में शोषण की तस्वीर :- कौशिक
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