*कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद हिमन्त बिस्वा सरमा को रोज अपने नये आकाओं को वफादारी का सबूत पेश करना पड़ता है – विकास उपाध्याय*
कन्याकुमारी। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव एवं असम प्रान्त के प्रभारी सचिव विकास उपाध्याय ने असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा द्वारा कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा को पाकिस्तान से जोड़ने को लेकर तिखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि जब तक वे राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी करते रहेंगे, तब तक मुख्यमंत्री की उनकी कुर्सी सुरक्षित है, वरना वे हटा दिये जाएंगे। इसीलिए बार-बार उनको अपने नये आकाओं को वफादारी का सबूत पेश करते रहना पड़ता है।
असम के प्रभारी सचिव विकास उपाध्याय ने मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिमन्त सरमा जब से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए हैं उन्हें रोज इस बात का सबूत देना पड़ता है कि वे अब कांग्रेस विचारधारा के नहीं बल्कि भाजपा के एजेण्डा में चलने वाले नेता हैं। जो साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने जैसे विचारधारा को समर्थन करते हैं। विकास उपाध्याय ने कहा, असम के मुख्यमंत्री कदापि नहीं चाहते कि भारत के लोगों को जोड़कर रखा जाए बल्कि वे इस बात पर इत्तेफाक रखते हैं कि भारत के लोगों को विभिन्न भाषायी और साम्प्रदायिकता के आधार पर विभक्त किया जाए। इसलिए जब उन्हें कुछ समझ में नहीं आता तो भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान की विचारधारा को अपनी जुबान पर लाकर देश के लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं।
विकास उपाध्याय ने कहा, हिमन्त सरमा उन मौकापरस्त राजनेताओं में से एक हैं जो समय के अनुसार अपने आकाओं को खुश कर किसी भी तरह से अपने कुर्सी में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब उनका एक वर्ष का कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में असम में पूर्ण हुआ तो भरी मंच पर सभा को संबोधित करते हुए इस बात का धन्यवाद दे डाला कि अमित शाह प्रधानमंत्री हैं और गृह मंत्री नरेन्द्र मोदी। जो सिर्फ जानबूझकर अमित शाह को खुश करने बोला गया था। जबकि भाजपा इसे डैमेज कन्ट्रोल करते हुए मानवीय भूल बताते रही। विकास उपाध्याय ने कहा, कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा के नेताओं में खलबली मच गई है। उन्हें लगने लगा है कि अब उनकी पोल खुलने वाली है। इसीलिए घबराहट में भाजपा के नेता इस तरह का बयानबाजी करने उतारू हैं। खासकर असम के मुख्यमंत्री सरमा जो कांग्रेस से बीजेपी में जाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं उन्हें इस बात का हर पल डर लगे रहता है कि उनकी कुर्सी छीन न ली जाये। इसीलिए कभी अपने आकाओं को तो कभी संघ के लोगों को खुश करने राहुल गांधी को माध्यम बनाते रहते हैं।