मोदी सरकार के 8 साल में महंगाई बढ़ी लोगों की आय और बचत घटी ,कर्ज बढ़ा है
मोदी सरकार के जनविरोधी नीतियों के चलते परिवार की जरूरत को पुरा करने घर के मुखिया को 77 प्रतिशत ऋण लेना पड़ रहा हैं
रायपुर 8 सितंबर 2022। केंद्र की भाजपा सरकार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में असफल और नकारा साबित हुई है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी हाल ही में देश भर में हुई सर्वे में एक बात सामने आई है कि मोदी सरकार की गलतनीतियों, रोजगार देने में असफलता, पेट्रोल डीजल में मनमाना एक्साइज ड्यूटी, रेल यात्रा का महंगा होना,सड़कों पर टोल टैक्स के दरों में वृद्धि एवं आवश्यक वस्तुओं पर भी लगाई गई जीएसटी के चलते आम लोगों के आय एवं बचत घटी है और मुखिया को घर चलाने के लिए घर की आवश्यकताओं को पूर्ति करने के लिए 77 प्रतिशत तक के ऋण लेने पड़े है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता बढ़ती महंगाई बढ़ती बेरोजगारी पर चर्चा करने से भाग रहे हैं देश की जनता का मंहगाई से बुरा हाल है। केंद्र में बैठी सरकार मात्र 2 लोग अदनी अंबानी की आय बढ़ाने के लिए काम कर दी है। देश की अर्थव्यवस्था डूबने की कगार पर है बैंक डूब रहे हैं एलआईसी डूब रहे हैं सरकारी कंपनियां बिक रही है आम लोगों के रोजगार छीने जा रहे हैं महंगाई का प्रकोप घर-घर में दिख रहा है पर जवाब देने से बचने के लिए भाजपा का नेता धर्म से धर्म को लड़ा कर जात से जात को लड़ा कर वैमनस्यता फैलाकर राजनीतिक रोटी सेक रहे है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 8 साल में मोदी सरकार चुनाव में के वादे को पूरा करने में फेलवर हुई है अच्छे दिन के सपने दिखा कर और 15 -15लाख रुपए खाता में आने का सब्जबाग दिखाकर जनता का वोट लेने के बाद मोदी सरकार वोट देने वाली जनता की मूल जरूरत दूध दही चावल दाल गेहूं आटा बेसन पुस्तक काफी स्टेशनरी हवाई चप्पल पर ही टैक्स वसूल रही है पेट्रोल डीजल पर मनमाना एक्साइज ड्यूटी लगा कर 27 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाल लिया गया रसोई गैस के दाम में मनमाना वृद्धि कर लूटमार की जा रही है मोदी सरकार के वादाखिलाफी के लिए जितना भाजपा जिम्मेदार है उतना ही आर एस एस और उनके अनुषांगिक संगठन जिम्मेदार है यही आर एस एस और उनके अनुषांगिक संगठनों ने लोगों को भरमा कर गुमराह कर भाजपा को वोट दिलाया था आर एस एस और उनके अनुषांगिक संगठन आज महंगाई बेरोजगारी गिरती अर्थव्यवस्था बिक रही सरकारी कंपनियां डूबते बैंक एलआईसी टूटते सामाजिक समरसता पर बात करने से बच रहे और बंद कमरों में बैठक कर जनता को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं।