छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले के अंतागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत संवेदनशील ग्राम मंगतासाल्हेभाट निवासी श्रीमती सावित्री बाई दर्रों गोबर बेचकर आत्मनिर्भर बन चुकी है। गोबर बेचने से मिली राषि से उन्होंने अपने गांव में छोटा सा किसाना दुकान खोल लिया है, जिससे ग्रामीणों के छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति हो रही है, साथ ही सावित्री बाई को भी आमदनी हो रहा है। सावित्री दर्रो ने बताया कि उनके पास स्वयं का पषुधन नही है। ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती मनीषा कुमेटी एवं सचिव श्री रऊफ कुरैशी ने उन्हें गौठान में 02 रूपये प्रति किलो में गोबर खरीदने की जानकारी दिया, इस पर उन्होंने गौठान के आसपास एवं गांव में घूम-घूम कर गोबर इकट्ठा करना शुरू किया तथा उसे गौठान में बेचने लगी। उनके द्वारा 6241 किलोग्राम गोबर का विक्रय किया गया है, जिससे उन्हें 12 हजार 492 रूपये मिले। उक्त राशि से उन्होंने अपने गांव में जरूरी सामानों के लिए एक छोटा सा किराना दुकान भी खोल लिया है। सावित्री बाई गांव के महिला स्व- सहायता समूह की सक्रिय सदस्य भी है। उन्होंने बताया कि उनके पास तीन एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें पैदावार कम होने से परिवार के पालन-घोषण में कठिनाई होती थी। गोधन न्याय योजना से उन्हें एक नई राह मिली है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे उन्हे आय का जरिया मिल चुका है।
उत्तर बस्तर कांकेर : सावित्री दर्रों ने गोबर बेचकर कमाए 12 हजार 482 रुपये, गांव में खोली किराना दुकान
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