नई दिल्ली फरवरी से अब तक यूक्रेन और रूस में जंग चल रही है. इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में ढेर सारे अनआइडेंटीफाइट फ्लाइंग ऑबजेक्टस देखे गए इसके बारे में यूक्रेन की सरकारी वैज्ञानिक संस्था ने रिपोर्ट भी दी है. इस संस्था का नाम है मेन एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी यह ऑब्जरवेटरी यूक्रेन की मुख्य वैज्ञानिक संस्था नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस के तहत काम करती है
जब दो देश युद्ध कर रहे होते हैं, तब उनके आसमान में फाइटर जेट्स, मिसाइल, रॉकेट्स और ड्रोन्स की चमकदार तस्वीरें आती रहती हैं. लेकिन यूक्रेन के वैज्ञानिक इन रोशनियों को पहचान नहीं पाए. क्योंकि ये रोशनियां ऐसी किसी वस्तु की नहीं थी, जो इंसानों द्वारा बनाए गए हों. अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा है कि ये यूएफओ किसी प्रकार के मिलिट्री यंत्र हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही हैं. इनके बारे में एक रिप्रोट प्री-प्रिंट डेटाबेस में प्रकाशित की गई है. जिसका पीयर रिव्यू अभी नहीं हुआ है. इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं रूस की इसमें कोई साजिश तो नहीं है
रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के खगोलविदों ने कुछ तेजी से उड़ने वाली, कम दृश्यता वाली वस्तुओं के कीव के आसमान में दिन में देखा. ये वस्तुएं कीव के आसपास मौजूद गावों में देखी गईं. वैज्ञानिकों ने कीव और वहां से 120 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित गांव विनारिका में दो खास तरह के मौसम संबंधी कैमरे लगाए हैं. ये आसमान पर नजर रखते हैं. इन कैमरों में ये यूएफओ कैद हुए हैं. कैमरे की तस्वीरों की स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया ये उड़ने वाली वस्तुएं किसी भी तरह से प्राकृतिक घटना नहीं थी
स्टडी करने वाली टीम ने कहा कि हमने कई ऐसी उड़ती हुई वस्तुओं को देखा जिनका व्यवहार समझ में नहीं आ रहा था. लेकिन हम उन्हें कीव और उसके आसपास हर जगह देख रहे थे. वैज्ञानिकों ने इन यूएफओ को दो कैटेगरी में बांटा है. पहला कॉस्मिक और दूसरा फैंटम कॉस्मिक वस्तुएं वो हैं जो आसमान के पीछे की तरफ चमक पैदा करती हैं. इन्हें अलग-अलग पक्षियों के नाम से जैसे स्विफ्ट, फॉल्कन और ईगल बुलाया जाता है. इन्हें अकेले उड़ते हुए या फिर समूह में उड़ते हुए देखा गया है
फैंटम वो यूएफओ होते हैं जो गहरे रंग के होते हैं. यानी ये पूरी तरह से काले रंग के दिखते हैं. ये अपने ऊपर पड़ने वाली रोशनी को सोख लेते हैं. माना जाता है कि फैंटम 10 से 40 फीट चौड़े होते हैं. ये 53 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ते हैं. जबकि धरती पर बनाए जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों की अधिकतम गति 24 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा है. मेन एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी यह नहीं पता कर पाई कि ये किस तरह के यूएफओ हैं !