वर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार होता है *दीपावली*, इस त्यौहार में *अपने वार्ड के हर नागरिक के द्वार* पर पहुँचने का सिलसिला, जो *विगत 4 वर्षों से जारी है* इस वर्ष भी *लगभग 2365 घरों में* पहुँचकर दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ दी।
*अपने परिवारजनों से* घर-घर जाकर मिलना, सिर्फ़ शुभकामनाएँ देना ही मक़सद नहीं है, मुख्य मक़सद है *बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना* ताकि उनकी छत्रछाया में *मेरा भी जीवन रौशन रहे*
मन गदगद हो जाता है, जब अपने वार्ड के *माताओं-बुजुर्गौं का आशीर्वाद मिलता है* ऐसा लगता है जैसे *साल भर के संकटों से लड़ने की संजीवनी मिल गयी*
आप सभी को *दीपोत्सव की अग्रिम बधाई व शुभकामनाएँ*