योजनाओं की 1900 करोड़ रुपए की राशि के अंतरण से बढ़ी त्यौहारों की रौनक
’नवा छत्तीसगढ़’ में छत्तीसगढ़ सरकार किसान, मजदूर, भूमिहीन मजदूर, युवाओं, महिलाओं समेत सभी वर्गों के हित में महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेशवासियों के हित में जनहितैषी कार्यों एवं योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभाव देखा जा रहा है। योजनाओं और नीतियों की दूरदर्शिता से आज प्रदेश आर्थिक, समृद्धि और तरक्की के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
दिवाली से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर लोगों की जेबें भर दी हैं। सरकार की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर विक्रेता ग्रामीणों और पशुपालकों तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में कुल 1866 करोड़ 39 लाख 32 हजार रूपए का ऑनलाईन अंतरण मुख्यमंत्री श्री बघेल ने किया है।
अरहर, मूंग एवं उड़द की फसलों की बुआई करने वाले किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार ने पहली बार अरहर एवं उड़द की फसल 6600 रूपये प्रति क्विंटल और मूंग फसल की फसल 7755 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का निर्णय लिया है, जो इन फसलों की बुआई करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा सरकार ने शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भी दिवाली के पहले एरियर्स एवं 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने जैसे निर्णय लेकर बड़ा उपहार दिया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि आम लोगों की जेब में पैसे भरना, उन्हें आर्थिक समृद्ध करना हमारी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है, ताकि उनके पास पैसे आएं और अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती से बाजारों की रौनक और बढ़े, जिससे सभी के लिए हर त्यौहार खास बन सके।
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में सरकार के परिणाममूलक कार्यों का प्रभाव ही है कि छत्तीसगढ़ के लगभग 8 हजार गांवों में बनाए गए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह आयमूलक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं, इनसे न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुईं हैं बल्कि अब वह अपने कामों में नवोन्मेष से नाम भी कमा रही हैं। महिला समूहों द्वारा इस दीवाली में घरों को रोशन करने गोबर से बनी हुई फ्यूजन रंगोली, दीप के अलावा गोबर के फ्लोटिंग दीया, बंदनवार, मोबाईल स्टैंड, हैंगिंग शो-पीस जैसी कई सजावटी उत्पाद तैयार कर बेचे जा रहे हैं और प्रदेश से बाहर भी भेजे जा रहे हैं।