Saturday, September 14, 2024
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पं.सुन्दर लाल शर्मा वार्ड क्रं.42 में पार्षद प्रत्याशी संदीप तिवारी द्वारा छेरछेरा के अवसर पर सभी नागरिको को शुभकांमनाए दी

*पं.सुन्दर लाल शर्मा वार्ड क्रं.42 में पार्षद प्रत्याशी संदीप तिवारी द्वारा छेरछेरा के अवसर पर सभी नागरिको को शुभकांमनाए दी।*

*छेरछेरा के पावन दिवस पर छत्तीसगढ के यशस्वी मुख्यमंत्री से सवर्ण आयोग गठित करने की मांग की।*

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छेरछेरा के पावन अवसर पर पं. सुन्दर लाल शर्मा वार्ड क्रं.42 में पार्षद प्रत्याशी संदीप तिवारी द्वारा सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री से सवर्ण आयोग गठित करने की मांग की। संदीप तिवारी ने कहा कि सबसे पहले सवर्ण आयोग की स्थापना भारत के अंदर मध्यप्रदेश की गई जिसमें सवर्ण वर्ग को अलग से आरक्षण दिया गया है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश भारत का दूसरा राज्य है जिसमें सवर्ण लोगो के लिए अलग से सवर्ण आयोग बनाने की घोषणा हुई है। आगे उन्होने कहा कि छत्तीसगढ में सवर्ण समाज का जनसंख्या 8 प्रतिशत है, सवर्ण आयोग गठित करने की मांग को लेकर विगत कई वर्षो से मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है। संदीप तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ में संवेदनशील सरकार है आज जिस प्रकार अन्य वर्गो का आयोग गठित है उसी प्रकार सवर्ण आयोग का भी गठन होना चाहिए।

संदीप तिवारी ने कहा इस तरह के आयोगों के गठन से निश्चित तौर पर राजनीति में सामाजिक हिस्सेदारी बढ़ेगी। उन्होंने आज इसी को दृष्टिगत रखते हुए सवर्ण समाज की भावनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत् कराया है और पत्र लिखकर कहा है कि अब वो समय आ गया है जब सवर्ण समुदाय के लिए भी आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ऐसे आयोगों के गठन के बीच अब समय आ गया है कि सवर्ण समाज को भी राजनीति के मुख्य धारा में प्रतिनिधित्व दिए जाने के साथ जोड़ा जाए। छ.ग. में 08 प्रतिशत से भी ज्यादा सवर्ण समाज के लोग राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाते हैं, जिसे भाजपा के शासन काल में लगातार नजर अंदाज किया गया। लोगों की अपेक्षा है कि सवर्ण समाज को भी एक आयोग के रूप में गठित कर महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए।

संदीप तिवारी ने आगे कहा, छ.ग. के हर विधान सभा में चाहे वह आरक्षित सीट क्यों न हो, कुछ न कुछ प्रतिशत सवर्णों की उपस्थिति रहती है। ऐसे में यह वर्ग अपने आपको ठगा महसूस करता है जब उन्हें किसी तरह का सामाजिक उत्थान को लेकर राजनैतिक महत्व नहीं मिलता। इसलिए भी आज सवर्ण समाज के जनमानस के मध्य भी नये आयोग बनाने की मांग उठ रही है। सवर्ण आयोग के गठन से सवर्ण समाज में भी एकजुटता आएगी एवं कांग्रेस पार्टी के प्रति अन्य समाजों की तरह यह समाज भी लगातार पार्टी हित में कार्य करने में तत्पर रहेगी।

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