Friday, November 22, 2024
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*कैट सी.जी. चैप्टर एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सायबर क्राइम पर कार्यशाला हुआ*

 

*सायबर क्राइम से बचने के लिए व्यापारियो का जागरूक होना जरूरी, अन्जान व्यक्तियों से लेन-देन न करें*

 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट सी.जी. चैप्टर एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सायबर क्राइम पर कार्यशाला कैट के प्रदेश कार्यालय में हुआ।

 

श्री रोहित मालेकर जी, निरीक्षक, एंटी क्राइम/साइबर, यूनिट रायपुर ने बताया कि भारत में सायबर क्राइम और ऑनलाइन फ्राड के केस प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। और जानकारी न होने के कारण लोग इसके शिकार होते है। वो कुछ नहीं कर पाते। सायबर क्राइम के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानतें है कि सायबर क्राइम क्या है। और इससे कैसे बचे। जब इन्टरनेट को विकास किया गया होगा तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भविष्य में इसका गलत इस्तेमाल किया जायेगा और ये बताने की नहीं है, कि अब इन्टरनेट के जरिये से सायबर स्पेस में जो भी क्राइम होते है। उन्हे सायबर क्राइम कहते है। इसके अनाम प्रकृति के कारण ही इसकी शुरूआत हुई थी। सायबर क्राइम एक ऐसा अपराध है, जिसमें कम्प्यूटर का उपयोग ऑनलाइन अपराध (हैकिंग, स्पैमिंग, फिशिंग) करनें के लिए किया जाता है। सीधे शब्दों में किसी कम्प्यूटर जो अपराधियों इन अवैध गतिविधियां को करते है। उन्हे हैकर या क्रैकर कहा जाता है। चूंकि हैकर सायबर क्राइम करने के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते है। आपने देखा भी होगा की कोई भी प्रोडक्ट हो उसका नकली वर्शन उससे पहले मार्किट में आ जाता है। कोई भी साफ्टवेयर हो उसका फ्री वर्शन या क्रैक वर्शन जरूर मिल जाता है। कम्प्यूटर में कई प्रकार के अपराध भी किये जाते है। स्पैमिंग, फिशिंग, हैकिंग, जानकारी चोरी करना, वायरस फैलाना, साफ्टवेयर पाइरेसी, फर्जी बैंक काल, अफवाह फैलाना, सायबर बुलिंग जानकारी मिटाना, फेरबदल करना, आदि।

 

श्री मालेकर ने आगे कहा कि हम निम्न तरीको से सायबर क्राइम से बच सकते है । स्पैमिंग, फिशिंग, मेल के बारे अच्छे जाने और कभी भी किसी अन्जान व्यक्ति को मेसेज या मेल नहीं करना है। किसी भी वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी न शेयर करें। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय भी होशियार रहे एवं लोकप्रिय और भरोसे वाले साइट से शॉपिंग करें। जब भी ऑनलाइन भुगतान करें तो ब्राउसर में लॉक चिन्ह जरूर देखें। किसी भी साफ्टवेयर या ऐप को डाउनलोड करने से पहले अच्छे से निश्चित कर ले कि आप कुछ गलत तो नहीं कर रहे। किसी भी ऑनलाइन स्कीम इसमें पैसे जितने और इनाम मिलने की बात हो तो उसके लालच में न पडे और उन पर बिलकुल भी विस्वास न करें। इन बातों को ध्यान में रखकर आप सायबर क्राइम से बच सकते है। सायबर क्राइम शिकायत करने के लिए आप भारत सरकार की वेबसाइट ूूण्बलइमतबतपउमण्हवअण्पद पर जा कर ऑनलाइन शिकायत कर सकते है। इसके अलावा भारत के लगभग सभी बडे शहरों में सायबर सेल मौजूद है। आप वहां जा कर शिकायत कर सकते है। साथ टोल फ्री नम्बर 1930 पर फोन करके शिकायत कर सकते है। तथा रायपुर पुलिस सायबर सेल को 0771-4247109 पर व्हाट्सअप कर सकते है।

 

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि कैट सी.जी. चैप्टर एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सायबर क्राइम पर कार्यशाला कैट के प्रदेश कार्यालय में हुआ। सायबर क्राइम से बचने के लिए व्यापारियों को जागरूक होना जरूरी है। व्यापारियों को किसी प्रकार के इनाम, लोन ऑफर, फर्जी काल आदि से बचना चाहिए। अन्जान व्यक्तियों से लेन-देन नहीं करना चाहिए। सायबर क्राइम से बचने के लिए हमें जागरूक होना चाहिए और सभी व्यापारियों को जागरूक करना चाहिए।

 

उपरोक्त सेमीनार में कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी, कैट युवा टीम के पदाधिकारी, व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी एवं व्यापारीगण उपस्थ्ति रहे :- अमर पारवानी, अमर गिदवानी, मगेलाल मालू, जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, वासु माखीजा, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, अवनीत सिंह, अमर धिंगानी, विजय पटेल, दीपक विधानी, विजय गोयल, महेन्द्र कुमार बागरोडिया, राकेश ओचवानी, मोतीलाल सचदेव, जय नानवानी, सूरज उपाध्याय, निलेश मुंदडा, नरेश कुमार पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, महेश खिलोसिया, दिलीप इसरानी, जयराम कुकरेजा, भगवान दास अग्रवाल, जनक वाधवानी, कान्ति पटेल, सतीश श्रीवास्तव, विक्रांत राठौर, परविंदर सिंह, मोहित अठवानी, सुरेश वासवानी, संदीप सोनी, दीपेश लालका, धीरज पटेल, सुनील पटेल, जय जयसवाल, दीपक देवनानी, प्रकाश लालवानी, विपुल पटेल, जयराम गुरनानी, मोनू सलूजा, मनोज गोयल, राजेश बिहानी, जितेन्दर सिह, जयंत मोहता, नेरश माखीजा, संदीप गुप्ता, रौनक पटेल, विदित राठी,रूपेश कुमार पटेल, प्रकाश माखीजा, सुशील कुमार लालवानी, राकेश लालवानी, नरेश माखीजा, परमानन्द जैन, श्याम माहेश्वरी, अमर संतवानी, विमल बाफना, रमेश जैन, अशोक छाबड़ा एवं अन्य व्यापारीगण आदि।

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