Saturday, August 31, 2024
Homeखास खबर*जनता पर मोदी की मार राहर दाल 150, टमाटर 100 के पार*

*जनता पर मोदी की मार राहर दाल 150, टमाटर 100 के पार*

*मोदी सरकार 9 साल में अच्छे दिन नहीं ला पाई जनता महंगाई से पीड़ित*

 

*देश में महंगाई कम होने के पर्याप्त अवसर लेकिन मोदी सरकार मुनाफाखोरी आड़े आ रही*

 

रायपुर/28 जून 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार 100 दिनों में महंगाई कम करने के वायदे का 9 साल में पूरा नहीं कर पाई, महंगाई तो कम हुए नहीं बल्कि 9 साल में जनता महंगाई के बोझ के तले दब गई, रोजी रोजगार छीने गए, लोगों के घरों में खाद्य सामग्रियों की कमी दिख रही है ऐसा प्रतीत होता है कि आधा पेट भर कर लोग जीवन जीने मजबूर हैं महंगाई के चलते बच्चों को सुपोषित आहार नहीं मिल पा रहा है हर वर्ग पर मोदी के महंगाई का प्रभाव दिख रहा है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा ने कहा कि देश में राहर दाल, खाद्य तेल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी से जनता का जीवन दूभर हो गया है। टमाटर के दाम 100 रू. और राहर दाल 150 रू. में आम आदमी खरीदने को मजबूर है। साल भर के भीतर ही दूध, तेल, नमक जैसे जरूरी चीजों की कीमत में 24 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। साल भर पहले जो चावल 35.27 रुपये किलो था आज 60 रुपए किलो हो चुका है, गेहूं 27 रुपए से बढ़ कर 42 रुपए किलो, अरहर दाल 90 रुपये से बढ़कर 150 रुपये किलो, दूध 49 रुपये से बढ़कर 55 रुपये और वनस्पति तेल 136 रुपये से बढ़कर 143 रुपये हो गया है। 9 साल पहले अच्छे दिन का जो वादा किया गया था वह महंगे दिन बन चुका है। अब जनता मोदी सरकार द्वारा की जा रही बेतहाशा वसूली से त्रस्त हो चुकी है और पुनः कांग्रेस को मौका देना चाहती है। जनता का आक्रोश हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश के चुनाव और देश के विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में साफ दिखाई देता है। जनता भाजपा के शिकस्त की कहानी लिखना शुरू कर चुकी है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा ने कहा कि पेट्रोल, डीजल, गैस, दूध, दाल, तेल, नमक जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में हो रहे लगातार इजाफे के कारण जनता का जिसका परिणाम हाल ही में हुए उपचुनावों और विधानसभा चुनावों में दिखा है। जनता से बेरहमी से वसूले जा रहे भारी भरकम टैक्स की वजह से लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 33 फीसद की गिरावट के बाद कच्चे तेल की कीमत महज़ 76 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। कच्चे तेल की वर्तमान कीमत के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दामों में 33 रूपये तक की कमी आनी चाहिए मगर मुनाफाखोर मोदी सरकार अपने मुनाफे में एक पैसे की भी कटौती नहीं चाहती चाहे जनता का हाल जो भी हो। पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने बार-बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि कर जनता से 26 लाख करोड़ रुपये वसूल लिए हैं।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश में महंगाई कम होने के पर्याप्त अवसर है लेकिन मोदी सरकार की मुनाफाखोरी जनता को महंगाई से मुक्ति दिलाने में बाधा बन रही है आज क्रूड ऑयल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 33 प्रतिशत की कमी आई है अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार के दामों के हिसाब से देश के भीतर डीजल पेट्रोल के दामों में 33 प्रतिशत की कमी कर दी जाए और 2014 के पहले पेट्रोल डीजल में लगने वाले एक्साइज ड्यूटी लागू कर दिया जाए तो इसका असर ट्रांसपोर्टिंग में उत्पादन में दिखेगा और आवश्यक वस्तुओं के दाम में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी आएगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular