श्रावण मास के तृतीय सोमवार को प्रत्येक शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा रहा इसी सिलसिले में महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने श्री शिवरीनारायण के बड़े मंदिर परिसर में 9 वीं शताब्दी से विराजित भगवान चंद्रचूड़ महादेव, रघुनाथ जी के मंदिर परिसर में विराजित भगवान शंकर जी तथा मठ मंदिर परिसर में विराजित चंद्रेश्वर महादेव का अभिषेक करके संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना की।
इस अवसर पर अपने संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव संपूर्ण जगत का कल्याण करते हैं, उनकी पूजा एवं आराधना से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। भगवान शिव भगवान रघुनाथ जी के भक्ति के दाता हैं,
जो भी भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना मनोयोग से करता है शिवजी उन्हें भगवान की भक्ति प्रदान करते हैं। श्री रामचरितमानस में रघुनाथ जी ने स्वयं अपने श्री मुख से कहा है कि -कोउ नहिं सिव समान प्रिय मोरे। असि परितीति तजहु जनि भोरे।। अर्थात भगवान शिव के समान इस जगत में प्रिय मुझे कोई भी नहीं है इन बातों को कभी भी भूलकर विस्मृत नहीं करनी चाहिए। कथन का आशय यह है कि जो भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है
उन्हें भगवान रघुनाथ जी की भक्ति की प्राप्ति स्वयं हो जाती है और जो रघुनाथ जी की पूजा करते हैं उन पर शिव की कृपा अवश्य होती है ।
श्रावण मास में हम सभी को भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना निश्चित रूप से करनी चाहिए। भगवान शिव की पूजा अर्चना के समय उनके साथ श्री जगदीश मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, गणेश नेताम सहित अन्य सहयोगी गण उपस्थित थे।