यू.जी.सी. की गाडलाइन की तहत राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् छ।।
ब् के द्वारा महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल काॅलेज को बी प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ। नैक (छ।।ब्) रेंटिग से छात्र-छात्राओं को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है,
छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता अनुसंधान, बुनियादी ढ़ांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है, नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अने लिए बेहतर काॅलेज का चयन कर सकतें है।
दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम में नैक टीम ने मैंक काॅलेज के शैक्षणिक गतिविधियों का सूक्ष्म अवलोकन किया साथ ही महाविद्यालय द्वारा संचालित सेमिनार, कार्यशाला, नेशनल कंाफ्रेंस, टीचिंग मैथड, एलुमिनी, अभिभावकों एवं शिक्षकों तथा सभी विभागों का एवं काॅलेज गतिविधियों का निरीक्षण किया। नैक द्वारा महाविद्यालय का यह द्वितीय चरण में 2017 से लेकर 2022 तक मूल्यांकन किया गया ।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एम.एस. मिश्रा ने कहा कि हम मान्यता के दूसरे चक्र में बी प्लस ग्रेड बनाए रखने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज 2006 में श्री महाराजा अग्रसेन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित रायपुर के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है।
कॉलेज पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से संबद्ध है यहाॅं बी.कॉम, एम.कॉम, बीबीए, बीसीए, पीजीडीसीए, बी.एससी. और बी वोक इंटीरियर डिजाइन पाठ्यक्रम संचालित होते हैं।
प्राचार्य डॉ. एम.एस. मिश्रा और अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि मान्यता हमारे छात्रों और संकाय द्वारा 5 वर्षों तक की गई कड़ी मेहनत है जिसके परिणामस्वरूप यह मान्यता प्राप्त हुई है जिसने हमारे शैक्षणिक ढांचे और नीतियों का समर्थन किया है
जिनका हम शुरुआत से ही अभ्यास कर रहे हैं। संस्थान अपने छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के अपने उद्देश्य पर कायम है और प्रबंधन, प्रिंसिपल और संकायों ने इसे हासिल करने के लिए सख्ती से काम किया है।
नैक टीम ने महाविद्यालय के समस्त शिक्षकों के कार्यशैली की सराहना की। साथ ही मैक काॅलेज में संचालित रोवर रेंजर एवं जे. सी. आई. रायपुर यूनाइटेड के छात्र-छात्राओं कार्यशैली से विशेष रूप से प्रभावित भी हुये।
नैक परिणाम के बाद चेयरमेन राजेश अग्रवाल एवं पूर्व चेयरमेन रमेश अग्रवाल नें महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दी भविष्य में बेहतर परिणाम कामना की।महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. एम. एस. मिश्रा, एडमिस्ट्रेटर सिद्धार्थ सभरवाल, सभी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों का पूर्ण सहयोग रहा।