रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी सिकल सेल छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग के कुछ जातियों में पाया जाता है ना कि आदिवासियों में। छत्तीसगढ़ में सिकल सेल के खिलाफ जंग भूपेश सरकार लड़ रही है।
प्रत्येक जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया गया है, सभी 146 ब्लाक के अस्पतालों में भर्ती की सुविधा चालू की गई है, छत्तीसगढ़ के 69 लाख परिवार डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के दायरे में है जिसके अंतर्गत 21 लाख 12 हजार मरीजों का उपचार किया गया है।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत चिन्हित बीमारियों के इलाज के लिए 25 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने वाला छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य। वनांचल और दूरस्थ क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मोहल्ला क्लीनिक, विभिन्न तरह की जांच सुविधा के लिए हमर लैब की स्थापना स्थापन कर 50 तरह की जांच की सुविधा है।
भूपेश सरकार में हमर अस्पताल योजना के अंतर्गत सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ओपीडी 42 तरह की जांच और 150 तरह की दवाइयां निशुल्क दी जा रही है। छत्तीसगढ़ के 26 जिला अस्पतालों में किडनी के मरीजों को निशुल्क डायलिसिस की सुविधा है। भूपेश सरकार में विगत 3 वर्ष में छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में 22 परसेंट की गिरावट आयी है। केंद्र सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रदेश के 61 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया है। दुखद है कि देश के प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विपरीत आज़ छत्तीसगढ़ आकार झूठ बोल गए और अपनी नाकामी पर परदेदारी करने सेवा, समर्पण, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और समृद्धि के प्रतीक भूपेश सरकार पर झूठे आरोप मढकर चले गए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार का आयुष्मान घोटाला सर्वविदित है। हाल ही में कैग रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि मोदी राज में आयुष्मान भारत के नाम पर घपले घोटाले हुए हैं। निजी अस्पतालों को फ्रॉड और संदिग्ध ट्रांजेक्शन मोदी सरकार के संरक्षण में हुआ है। 10 लाख लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन तीन मोबाइल नंबर पर और वह भी ऐसे नंबर जो रजिस्टर्ड ही नहीं था। मरे हुए व्यक्तियों के इलाज के नाम पर पैसे निकाले गए। स्वास्थ्य सेवा के नाम पर भी मोदी राज में केवल कमीशन कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार हो रहा है। 15 साल रमन राज में कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया से होने वाली मौत ही छत्तीसगढ़ की पहचान हुआ करती थी। भूपेश सरकार में ढ़ाई लाख से अधिक बच्चे कुपोषण से बाहर आए हैं, लाखों महिलाएं एनीमिया मुक्त हुई है। रमन सरकार के दौरान 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया परजीवी सूचकांक 2.63 था जो वर्तमान में घटकर मात्र 0.92 प्रतिशत हो गई है, अर्थात तीन गुना कमी भूपेश सरकार की मलेरिया मुक्त अभियान का परिणाम है। भूपेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए छत्तीसगढ़ में 4890 हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर संचालित कर रही है। 2674 चिकित्सा अधिकारी 480 विशेष चिकित्सकों की नियुक्ति, 4000 चिकित्सा विशेषज्ञ, पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीशियन और सहायक कर्मचारी की भर्ती की गई है। छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बरगलाए जाने के चलते देश के प्रधानमंत्री ने भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ की जनता को मिल रही सहूलियतों का मजाक उड़ाया है। भूपेश पर भरोसी की सरकार के खिलाफ़ एक बार फिर भाजपा झूठ के सहारे चुनावी माहौल बनाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।