हमारा शहर, हमारे व्यापारी फिर क्यों करें ऑनलाईन खरीदारी – कैट
देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट एवं युवा टीम के पदाधिकारियों की मिटिंग कैट के प्रदेश कार्यालय में कैट प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी की अध्यक्षता में हुई। मिटिंग में कैट ने इस त्यौहारी सीजन में अमेजॉन एवं फ्ल्पिकार्ट सहित अन्य विदेशी कम्पनियों से ऑनलाईन खरीदारी न करने का आग्रह किया। इसकी शुरूआत सभी पदाधिकारियों ने अपने घर परिवार के सदस्यां को जागरूक करते हुए किया।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि हर त्यौहारी सीजन की तरह इस बार भी विदेशी ऑनलाइन कंपनियों ने ऑफर का जाल 7 से 15 अक्टूबर तक बिछा लिया है। अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों कम्पनियाँ गत अनेक वर्षों से ई-कॉमर्स व्यापार में अपने मनमाने तरीके जिसमें जिसमें लागत से कम मूल्य निर्धारण, गहरे डिस्काउंट, ब्रांड्स के साथ विशेष व्यवस्था और इन्वेंट्री पर अपना नियंत्रण रखना आदि कुप्रथाएं को जारी रखे हुए हैं। ये विदेशी कम्पनियां आम नागरिको को वस्तुओं के कीमतो में छूट देने का प्रलोभन देकर ठगी का शिकारी बनाती है। हमें इस प्रकार के प्रलोभनो से बचना चाहिए। और इनके झांसे में नहीं आना चाहिए। कैट आप सभी नागरिको से विनम्र आग्रह करती है कि अपने शहर के व्यापारी से ही ख़रीदारी करें। ताकि देश का पैसा देश में रहें। जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। कैट के इस जन-जागरण अभियान का हिस्सा बनें। और विदेशी कम्पनियों का बहिष्कार कर स्वदेशी अपनाये।
कैट के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्र सिंह ने बताया कि दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच जरूरी है सरकार को भारत में ई-कॉमर्स कारोबार को विनियमित करने और निगरानी के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी सहित ई-कॉमर्स नीति को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। जो अमेजॅन और फ्लिपकार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स बाजार को बेहद विषाक्त कर दिया है। अब यह सही समय है जब इन कंपनियों के व्यावसायिक व्यवहारों को कानून के अंतर्गत लाना बेहद जरूरी है और अगर अभी भी वे एफडीआई नीति का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उन्हें भारत छोड़ने के लिए कहा जाना चाहिए। ये कंपनियां आर्थिक आतंकवादी हैं और ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण हैं।
मिटिंग में कैट एवं युवा टीम के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, अवनीत सिंह, विजय पटेल, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, महेश खिलोसिया, सतीश श्रीवास्तव, दीपक विधानी, विक्रांत राठौर, रतन सिंह, गिरिश पटेल, रौनक पटेल, मनीष कुमार सोनी, रमेश पटेल, मोहित अठवानी, प्रकाश माखीजा, अमित गुप्ता, नागेन्द्र कुमार तिवारी एवं मुकेश झा आदि।