*प्रदेश के खनिज संसाधन, जल-जंगल-जमीन छिनना साय सरकार की मजबूरी है या असल एजेंडा?*
**विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ को एकबार फिर कारपोरेट लूट का चारागाह बना दिया गया है*
रायपुर 04 जनवरी 2024 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की तथाकथित डबल इंजन की सरकार बनते ही हसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगल की कटाई अचानक तेज गति से शुरू हो गई है। आदिवासी मुख्यमंत्री और आदिवासी अधिकारों का ढोंग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का असली चेहरा स्पष्टतौर पर सामने आ चुका है। छत्तीसगढ़ में जब भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी तब ये पूर्ववर्ती सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगाया करते थे जबकि असलियत यह है कि संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत कोल खनन विशुद्ध रूप से केंद्र सूची का विषय है, कोल ब्लाक आबंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया से लेकर अंतिम आदेश तक केंद्र की सरकार तय करती है। 2014 से 2018 के बीच जब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी तब भी आदिवासियों के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हुए। नंदराज पर्वत अडानी को बेचा गया जिसके लिए ग्राम सभा की तथाकथित एनओसी भी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से दी गई थी। केवल मोदी के मित्र के मुनाफे के लिए छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान, आत्मसम्मान और जन अधिकार को कुचलने का कुत्सित प्रयास निंदनीय है। विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ को एकबार फिर कारपोरेट लूट का चारागाह बना दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने हसदेव अरण्य के 5 कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने 26 जुलाई 2022 को विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर भेजा है, उस पर मोदी सरकार आज़ तक क्यों मौन है? देश के इतिहास में पहली बार कमर्शियल माइनिंग मोदी सरकार में शुरू हुआ, कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों, नवरत्न कंपनियों के खदान अडानी को किसने हस्तांतरित किया? एसईसीएल जो कोयला उत्खनन की सबसे पुरानी और अनुभवी सरकारी कंपनी है वह किसके दबाव में अब अडानी से खनन करवा रही है? जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और जयराम रमेश केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे तब देश के दर्जनों क्षेत्र जो अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न माने गए उन्हें संरक्षित रखने नो गो एरिया घोषित किया गया था उसमें छत्तीसगढ़ के “हसदेव अरण्य“ और “तमोर पिंगला“ का क्षेत्र भी था जहां से 10 किलोमीटर तक खनन गतिविधियां प्रतिबंधित की गई थी, उस नो गो एरिया को संकुचित करके हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला में खदाने मोदी सरकार ने शुरू की।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने हसदेव में पर्यावरण स्वीकृति रद्द कर वन कटाई पर रोक लगाया था, विगत एक महीना के दौरान लाखों की संख्या में पेड़ काटे जा चुके हैं यहां पर कटाई के लिए आदेश और पर्यावरण स्वीकृति केंद्र की मोदी सरकार ने दिया है जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने इसे निरस्त करने की कार्यवाही की थी। 31 अक्टूबर 2022 को इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माइंस कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने कहा था। उक्त संदर्भ में विधानसभा से भी कांग्रेस की सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है जिसमें आज तक मोदी सरकार ने अंतिम आदेश नहीं दिया है। छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा पर भरोसा करके डबल इंजन की सरकार बनवाई है। भारतीय जनता पार्टी को सरगुजा संभाग के सभी सीटों पर निर्वाचित होने का अवसर मिला है। अब भाजपाई बताए कि सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव अरण्य को की कटाई कब रोकेगी भाजपा सरकार?