*सही जानकारी उपलब्ध न करा पाने पर प्राचार्य पर भड़के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल*
स्कूल शिक्षा ही नहीं संस्कारों के भी केंद्र होते है। जहां से उज्ज्वल देश और समाज का निर्माण करते है। स्कूल शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों में अच्छे संस्कारों का भी विकास करना भी है। स्कूलों में छात्रों को अनुशासन, नैतिकता, देशभक्ति, सामाजिक भावना, और अन्य महत्वपूर्ण संस्कारों का शिक्षण दिया जाना चाहिए।
जब छात्रों में अच्छे संस्कार होते हैं, तो वे देश और समाज के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन जाते हैं।
शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को राजिम स्थित शासकीय राम बिशाल पाण्डेय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के वार्षिकोत्सव “अभ्युदय” का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि, शिक्षा जीवन का आधार है, लेकिन संस्कार जीवन का सार हैं। शिक्षा से हमें ज्ञान प्राप्त होता है, लेकिन संस्कारों से हमें सही और गलत का ज्ञान होता है। इसके साथ ही विद्यार्थियों में अनुशासन भी जरूरी हैं उनको समय का पाबंद होना, नियमों का पालन करना, और दूसरों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार करना सिखाया जाना चाहिए। विद्यार्थियों को सच बोलना, दूसरों के साथ सहानुभूति रखना, और दूसरों की मदद करना सिखाया जाना चाहिए।
उनको देश से प्यार करना, देश के प्रति समर्पित रहना, और देश के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। जब शिक्षा और संस्कार मिलते हैं, तब एक व्यक्ति बेहतर इंसान बनता है।
शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल में विभिन्न कार्यों के लिए स्कूल 25 लाख रुपए देने की घोषणा की।
हालांकि उन्होंने कार्यक्रम के स्कूल संबंधी सही जानकारी उपलब्ध न करा पाने के कारण प्राचार्य पर नाराजगी जताते हुए भविष्य में सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री रोहित साहू ने की, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती रेखा सोनकर, श्री लोकेश पाण्डेय प्राचार्य श्री संजय कुमार एक्का समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।