Thursday, September 19, 2024
HomeRaj Chakra Newsई.वी.एम. को रद्द कर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 59 के अनुसार...

ई.वी.एम. को रद्द कर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 59 के अनुसार देश भर में बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने बाबत 

उपर्युक्त विषय संदर्भ में, यह अपेक्षित है कि निर्वाचन आयोग सम्पूर्ण भारत में ई.वी.एम. से लोक सभा चुनाव कराने की पूरी तैयारी में है, जो निम्नलिखित प्रावधानों के अंतर्गत विधि संगत नहीं है – लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 59 के अनुसार पूरे भारत में बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। तथा संशोधित धारा 61ए के अनुसार विशेष परिस्थितियों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में ई.वी.एम. को अपनाया जा सकता है। लेकिन जहां इस धारा की व्याख्या और मंशा ईवीएम को अपवाद के रूप में प्रयोग करना है वहां निर्वाचन आयोग बैलेट पेपर को अपवाद के रूप में प्रयोग कर रहा है जो स्वतंत्र , निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के अनुकूल न होकर संविधान के अनुच्छेद 324 में निहित उद्देश्यों के विपरीत है। इस अनुच्छेद के अंतर्गत जहां आयोग को सम्पूर्ण चुनाव कार्य का केवल अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करने का अधिकार है, वहां बिना किसी अधिनियम/अध्यादेश द्वारा अधिकृत हुए मतदान की विधि/रीति निर्धारित कर सम्पूर्ण भारत में ईवीएम से चुनाव कराए जा रहे हैं। आयोग का यह कार्य क्षेत्राधिकार से बाहर है। ये सब संविधान के हीरक जयंती वर्ष में हो रहा है , जो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश (भारत) के लिए चिंताजनक है।

आवेदक संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत पंजीकृत मतदाता है और उसे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने और उसके पक्ष में मतगणना सुनिश्चित कराने का संवैधानिक और मौलिक अधिकार है। जो ईवीएम से चुनाव होने पर सुरक्षित नहीं रहता। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 08/10/2013 को अपने निर्णय में कहा है कि केवल ई.वी.एम. से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव नहीं कराए जा सकते आगे यह भी कहा है कि वोट कुछ और नहीं बल्कि अभिव्यक्ति का सर्वमान्य तरीका है, जिसका लोकतांत्रिक व्यवस्था में अत्यधिक महत्व है । संविधान के अनुच्छेद 19 के अनुसार मतदाता की अभिव्यक्ति मौलिक अधिकारों से संबंधित है।

संविधान के अनुच्छेद 375 के अनुसार, जहां देश के सभी न्यायाधीश, प्राधिकारी एवं अधिकारी संविधान के अधीन कार्य करते हैं, वहां आयोग का उपरोक्त कार्य संविधान के विपरीत है।

भारत के निर्वाचन आयोग से अपेक्षा है कि वह ई.वी.एम. से होने वाले चुनावों को शीघ्र रद्द कर समस्त निर्वाचन क्षेत्रों में बैलेट पेपर से चुनाव कराएं ।

अन्यथा, हम भारत के मतदाता, अपने मताधिकार का सही ढंग से प्रयोग करने एवं इसके दुरुपयोग को रोकने हेतु देश भर में ई.वी.एम. के उपयोग का पुरजोर विरोध करेंगे तथा आयोग के विरुद्ध भी संवैधानिक कार्रवाई की जायेगी, जिसके लिए आयोग जवाबदेह होगा।

(1) भारत के महामहिम राष्ट्रपति, भारत शासन दिल्ली ।

(2) भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय दिल्ली।

(3) माननीय सदस्य विधि आयोग भारत, दिल्ली।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular