संविधान के शिल्पकार थे बाबा साहेब ….. के.पी. खण्डे संविधान की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी .. शकुन डहरिया
रायपुर/ देश के संविधान निर्माता भारत रत्न से अलंकृत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 133 वीं जयंती पर रविवार को सतनामी समाज के लोगों ने न्यू राजेंद्र नगर स्थित गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी भवन में गीत, कविता पाठ, संगोष्ठी,निःशुल्क नेत्र जांच शिविर सहित युवाओं के लिए कैरियर गाइडेंस का आयोजन किया।
👉 प्रवक्ता चेतन चंदेल ने बताया कि बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोगों ने सर्वप्रथम रायपुर कलेक्ट्रेट चौक स्थित अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर पुष्पमाला अर्पित करते हुए एक स्वर में उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।इस दौरान जय जय सतनाम.. जय भीम..जय भीम..जय संविधान की लगातार जैघोष होती रही।
🎂💐तत्पश्चात न्यू राजेंद्र नगर में आयोजित जयंती समारोह में गीतों व कविता पाठ की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस अवसर पर गुरु घासीदास जी के उपदेश “मनखे- मनखे एक बरोबर” तथा अंबेडकर जी के संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो तथा संघर्ष करो” विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई जिसमें उपस्थित वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डाला।
💥इस अवसर पर छ.ग. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के.पी. खण्डे ने कहा कि अंबेडकर साहब संविधान के शिल्पकार थे जिन्होंने कमजोर तबके के लोगों का जीवन स्तर सदैव ऊंचा उठाने का प्रयास किया, उन्होंने जीवन भर कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए यह साबित कर दिखाया की लगन व दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो गरीब व्यक्ति भी उच्च स्थान को प्राप्त कर सकता है।
💥राजश्री सद्भावना समिति की अध्यक्ष श्रीमती शकुन डहरिया ने कहा कि हमें संविधान के कारण ही अपना हक और अधिकार मिला है जिसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
👉कार्यक्रम को पूर्व न्यायाधीश एम.डी. माहिलकर साहब, प्रो.आर.पी. टंडन, प्रो. डा. श्रीमती कल्याण रवि, श्रीमती चंपादेवी गेंदले, पूर्व अपर वित्त संचालक के. एल. रवि तथा एससी/ एसटी. विभाग नगर निगम रायपुर के अध्यक्ष सुंदरलाल जोगी ने भी संबोधित किया।
🌸🙏कार्यक्रम का संचालन अकादमी के महासचिव डॉ.जे. आर. सोनी ने तथा आभार प्रदर्शन जी.आर. बाघमारे द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डी.एस.पात्रे, चेतन चंदेल,आर.के.पाटले, के.एन. भारद्वाज, आर.के. गेंदले, अग्रलाल जोशी, नंदू मारकंडे, आशा पात्रे, शशिबाला सोनकेवरें, कृपाराम चतुर्वेदी, लाला पुरेना, घासीदास कोसले,आशाराम लहरे, संतोष महिलांग, डीडी. भारती, गुलाब महिलांग, सनत गिलहरे, सुखदास बंजारे, धर्मेंद्र घृतलहरे, डॉ. हेमंत डांडे, डॉ.आर.पी. जोशी, सत्यप्रकाश गायकवाड, चंदन जांगड़े, सामंत देशलहरे, आर.डी. रात्रे, रामकुमार मिरी सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।