Friday, November 22, 2024
HomeRaj Chakra News*कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमेन कांग्रेस वर्किंग कमेटी...

*कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमेन कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेरा की पत्रकार वार्ता*

रायपुर/01 मई 2024। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमेन कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेरा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि मैं रायपुर ट्रेन से आना चाहता था, मैंने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को बताया, उन्होंने कहा ट्रेन से आयेंगे तो चुनाव के बाद रायपुर पहुंचेंगे, आप मालगाड़ी में आयेंगे तो भले समय से पहुंच जाये। यह हाल है देश में ट्रेनों का। पूरे देश में यह चुनाव इस देश का वोटर लड़ा रहा है, जनता लड़ रही है, और उन्हें लगता है कि कांग्रेस पार्टी उनके जिंदगी से जुड़े हुए मुद्दे उठा रही है, नौकरियों के मुद्दे उठा रही है, किसानों के मुद्दे उठा रही है, आरक्षण का मुद्दा उठा रही है, संविधान का मुद्दा उठा रही है, महिला सुरक्षा का मुद्दा उठा रही है, आदिवासियों का मुद्दा उठा रही है। स्वास्थ्य की बात कर रही है, शिक्षा की बात कर रही है, पेपर लीक की बात कर रही है इन्हीं मुद्दों पर चुनाव में जाना चाहिए और इन्ही मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है।

 

वे लोग किन-किन मुद्दों पर चुनाव में है? मंगलसूत्र, मछली, मीट, मुसलमान ये मुद्दे है उनके। 10 साल आप सरकार में रहे और आपके पास बोलने के लिये ये चार शब्द है। कहां है आपकी रिपोर्ट कार्ड? बताइए 10 साल में आपने क्या किया? बताइए दस साल में बेरोजगारी का पैंतालीस साल का रिकॉर्ड क्यों टूटा? बताइए दस साल में लघु और मध्यम उद्योग है वो तबाह क्यों हुए? बताइए आदिवासियों के साथ जो अत्याचार हुआ वो क्यों हुआ? दलितों के साथ जो अत्याचार हुआ वो क्यों हुआ? महिला सम्मान की ये केवल बातें करते हैं, हकीकत यह है कि हर एक घंटे में चार महिलाओं का बलात्कार जहाँ हो रहा प्रधानमंत्री इस तरह की हल्की बातें करते हुए घूमना क्या अच्छी बात है? हर एक घंटे में दो नौजवान इस देश में आत्महत्या करने मजबूर हैं वहाँ के प्रधानमंत्री मीट, मछली, मुसलमान, मंगलसूत्र ऐसी बाते करते है।

 

मोदी राज में हर एक दिन में तीस किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कोई और प्रधानमंत्री होता तो प्रचार करने से पहले सोचता कि मैं आँखें कैसे मिलाऊंगा, अपने लोगों के सामने कैसे जाऊंगा? यह चुनाव महत्वपूर्ण इसलिए है कि जब आप दो सौ बहत्तर में सरकार बना सकते हो तो आप चार सौ क्यों मांग रहे हो नीयत क्या है आपका?

 

मैं अभी रायपुर की दीवारों पे देख रहा था लिखा हुआ था चार सौ पार। चार सौ इन्हें इसलिए चाहिए क्योंकि चार सौ से कम होंगी तो संविधान नहीं बदल सकते, ये नियम है, ये कानून है ये रूल्स है। इनके मन में क्या है संविधान बदलने की जो इनकी मंशा है, ये इनके अपने नेताओं के मुँह से बार-बार सुनाई देती है। कभी वो अनंत हेगड़े होते हैं जो कर्नाटक में बोलते हैं, कभी ज्योति मिरधा होती है जो राजस्थान में बोलती है, कभी अरुण गोविल होते हैं जो मेरठ में बोलते हैं। और भी इनके तमाम प्रत्याशी उत्तर प्रदेश के कई बार सुन बोलते हैं कि साहब चार सौ दे दीजिए हम संविधान बदलेंगे, क्यों बदलना है संविधान? हमें याद है 2015 में मनमोहन वैद्य आरएसएस के बहुत बड़े नेता 2015 में बिहार में जाके बोले हम आरक्षण खत्म करने के पक्ष में। जनता ने जवाब दे दिया 2015 में जवाब। फिर पीछे पलटे। इनके अनेक नेता कह चुके हैं आरक्षण के खिलाफ। ज्यादा दूर क्यों जाते हैं रायपुर में अठारह महीने पहले यहाँ की कांग्रेस की राज्य सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करा के राजभवन में फाइल भेजी कहाँ है वो फाइल मिट्टी खा रहे हैं।

 

क्या कारण है कि भाजपा, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ है, उनके आरक्षण के खिलाफ है और हम तो एक कदम और आगे जाते हैं। हम कह रहे हैं कि पचास प्रतिशत की जो सीमा है आरक्षण के ऊपर वो खत्म होनी चाहिए। जातिगत जनगणना होनी चाहिए और जो कथाकथित अगड़ी जातियां है, उनमें भी जो आर्थिक रूप से हैं उनको भी आरक्षण की पूरी सुविधा मिलनी चाहिए। ये हमारी गारंटी है, ये हमारा मेनिफेस्टो है, ये हमारा न्याय है और ये न्याय पत्र कैसे बना? ये न्याय पत्र आप लोगों की वजह से बना जब राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा पर चल रहे थे, 4 हजार किलोमीटर उसके बाद 6 हजार किलोमीटर की एक और यात्रा की। आप सबसे संवाद हुआ नौजवानों से संवाद हुआ, पत्रकारों से संवाद हुआ, आदिवासियों से, महिलाओं से, दलितों से, किसानों से, मध्यम वर्ग से, वहाँ से ये न्यायपत्र बना। लोगों के मन की बात सुनी और ये न्यायपत्र बना। इसलिए ये न्याय पत्र कांग्रेस का नहीं है ये न्यायपत्र आप सब का है। इसीलिए आज मजबूरी में नरेंद्र मोदी अपने मेनिफेस्टो के बारे में बात करना बंद कर चुके हैं, हमारे मेनिफेस्टो की सुबह से शाम तक बात करते हैं और बिना पढ़े बात करते है। उनके पास एंटायर पॉलिटिकल साइंस की डिग्री है बताते है।

 

हमारा न्याय पत्र बिना पढ़े ऐसे-ऐसे झूठ जो प्रधानमंत्री के मुँह से शोभा नहीं देते। देश के राजा को झूठ नहीं बोलना। चुनाव हो, नहीं हो, चुनाव आते रहते है, जाते रहते हैं लेकिन इतिहास में दर्ज हो जाता है कि देश के राजा ने झूठ बोला वो अच्छी बात नहीं होती। देश के राजा को धोखा भी नहीं देना चाहिए। लेकिन दस साल में देश की जनता से जो धोखा हुआ। कोई एक वर्ग नहीं मैंने आपको तीनों बताए नौजवानों की आत्महत्या, महिलाओं से बलात्कार और किसानों की आत्महत्या ये बताते हैं कि धोखा कितना गंभीर हुआ कितना व्यवसायियों की आत्महत्या कोई छोटी बात नहीं है, व्यवसायी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं। आपकी नीतियों में खोट है, आपकी नियत में खोट है, आप सरकार चलाने के काबिल नहीं हो, आप सिर्फ प्रचार करने के काबिल हो, अब बेटी बचाओ में जितना फंड्स है, कितने प्रतिशत प्रचार में लगाए है, आप लोग आर.टी.आई. करके निकालिएगा आनंद आएगा। फंड का इस्तेमाल प्रचार में करना और जिनके लिए वो फंड है उस मद में उसका इस्तेमाल नहीं करना इसमें तो इनकी महारत है पीएचडी है। दस करोड़ की कोई योजना है, तीन करोड़ उसपे खर्च करते हैं सात करोड़ प्रचार पर खर्च करते हैं, उससे पहले आपने क्या कभी सुना है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि अगला चुनाव भी हो, अगर आप चाहते हैं की ऐसी प्रेस वार्ता हो जहाँ हम लोग यहाँ बैठे, जेल में ना हो और आप लोग खुलकर सवाल पूछ सके हम सरकार में हो या न हो, तो इस बार बदलाव आवश्यक है, क्योंकि इस बार अगर बदलाव नहीं हुआ तो हम लोग इस काबिल नहीं रहेंगे कि लोकतंत्र को बचा सके। ना आप पत्रकारिता को बचा पाएंगे, ना हम विपक्ष की हैसियत से भी कुछ कर पाएंगे, ना हम सरकार में। स्थिति बहुत गंभीर है। बहुत बार कोशिश की जा रही है, सुबह से शाम तक की कैसे असल मुद्दों से भटकाया जाए। मुद्दे देश के सामने स्पष्ट है हम भारतीय जनता पार्टी को बार-बार इन मुद्दों पर ला रहे हैं और उन्हें मजबूरी से इन्हीं मुद्दों पर चर्चा करनी पड़ रही है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular