बांग्लादेश में हो रहे हिन्दूओं के नरसंहार के विरोध में एवं रोहिंग्या और बांग्लादेशी जेहादियों को देश से निकालने के लिए सभी हिन्दू भाइयों ने प्रतिज्ञा ली हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हमें आवाज बुलंद करनी हैं, “जाति में बटना नहीं है, हमने एक होना है”, ये संकल्प सभी सनातनियों ने टेलीबंधा तालाब, रायपुर में आज लिया
आरोप हिन्दूओ पर हो रहे अत्याचार पर विपक्ष चुप
भाजपा नेताओं ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर विपक्ष की चुप्पी की आलोचना की उन्होंने कहा की विपक्ष फिलिस्तीन मुद्दे पर मुखर था लेकिन बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार
भाजपा नेता मनीष अग्रवाल, बसंत शर्मा , गोपाल उपाध्यक्ष,सत्यनारायण सोनी, सिकंदर शाह आदि ने कहा की बांग्लादेश में सत्ता के आपसी संघर्ष में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है भाजपा नेताओं ने कहा की बिडंबना है की फिलिस्टिंने मसले पर जहाँ विपक्ष मुखर था वही बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे लगातार अत्याचार पर कांग्रेस संयुक्त सहित पूरा विपक्ष मौन है यह दर्शाता है की विपक्ष वोट बैंक को साधन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है
रायपुर / बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे है अत्याचार के खिलाफ राजधानी रायपुर में आक्रोश रैली निकाली जाएगी. सर्व सनातन हिंदू पंचायत के नेतृत्व में हिंदू संगठन से जुड़े सदस्य मरीन ड्राइव में जुट गए हैं. सदस्यों ने बांग्लादेश हिंदुओं की हत्या और मंदिरों को तोड़े जाने का विरोध किया है. थोड़ी देर में आक्रोश रैली मरीन ड्राइव से राजभवन जाएगी. जहां पीएम के नाम से ज्ञापन सौंपेंगे.
5 लाख से अधिक लोग लिए हिस्सा :
बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार और रोहिंग्या-बांग्लादेशी जिहादियों को देश से बाहर निकालने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में जनाक्रोश की लहर उठ चुकी है। सर्व सनातन हिंदू पंचायत ने 14 और 16 अगस्त को राज्यव्यापी आक्रोश रैली का आयोजन किया है, जिसमें 5 लाख से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। यह जनसैलाब राजधानी रायपुर से उठकर छत्तीसगढ़ के 32 जिलों तक फैलेगा, एक बुलंद आवाज के साथ—हम हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार अब और नहीं सहेंगे!
बांग्लादेश में हो रहे हैं नरसंहार के काले दिन, छत्तीसगढ़ से उठेगी न्याय की आवाज :
पिछले कुछ हफ्तों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों—विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध, और अन्य धर्मों के लोगों पर क्रूर हिंसा की जा रही है। लक्षित हत्याएं, लूटपाट, आगज़नी, और महिलाओं पर अत्याचार जैसी घटनाओं ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को हिला कर रख दिया है। धार्मिक स्थलों पर हमले और मंदिरों का ध्वंस इंसानियत को शर्मसार कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में गूंजेगी हर हिंदू की पुकार—बांग्लादेश के हिंदुओं को न्याय दो!
सर्व सनातन हिंदू पंचायत के नेतृत्व में यह आक्रोश रैली रायपुर के तेलीबांधा तालाब से 14 अगस्त, बुधवार को दोपहर 2 बजे प्रारंभ होगी, और राज्यपाल श्री रमेन डेका को ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त होगी। यह ज्ञापन बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को रोकने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग करेगा।
ये हैं राज्यपाल को सौंपे जाने वाले ज्ञापन के प्रमुख बिंदु:
1. बांग्लादेश पर तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएं:
बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भारत है। आर्थिक प्रतिबंध के जरिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर, वहां हो रहे अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को रोका जा सकता है।
2. भारत सरकार इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाए:
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल, यूरोपीय यूनियन, और मानवाधिकार संगठनों में इस मुद्दे को उठाकर बांग्लादेश पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाया जाए, ताकि वहां के अल्पसंख्यकों को न्याय मिल सके।
3. WAR ROOM की स्थापना की जाए:
भारत सरकार तुरंत एक WAR ROOM स्थापित करे, जो बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर नज़र रखे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करे।
4. बांग्लादेशी हिंदुओं को शरण दें:
बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदुओं को भारत में ससम्मान शरण दी जाए, ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें।
5. रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का निष्कासन:
भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को तुरंत निष्कासित किया जाए, ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा और सामरिक हितों की रक्षा हो सके।
6. समान नागरिकता कानून (UCC) लागू किया जाए:
देश में समान नागरिकता कानून (UCC) को तुरंत लागू किया जाए, ताकि सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुरक्षा मिल सके।
7. धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू किया जाए:
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून लागू किया जाए, ताकि धार्मिक असहिष्णुता पर अंकुश लगाया जा सके।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न की हकीकत से उठेगा पर्दा:
– बांग्लादेश का इतिहास भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, फिर वहां के अल्पसंख्यक क्यों हैं निशाने पर?
– इंसानियत और मानवाधिकारों के नाम पर झंडा बुलंद करने वाले अब क्यों हैं मौन?
– इस्कॉन जैसी संस्थाएं, जो वर्षों से सेवा में लगी हैं, उनके मंदिरों को जलाने के पीछे क्या है असली साजिश?
– मुस्लिम बुद्धिजीवी और मानवाधिकार के अलंबरदार अब चुप क्यों हैं? क्या हिंदुओं की जान की कोई कीमत नहीं