सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को स्वत: संज्ञान लिया है. वहीं, डॉक्टर्स के विरोध-प्रदर्शन से पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं. डॉक्टर्स के संगठन देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली पहुंच गए हैं. आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं.
कोलकाता की घटना पर सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में सुनवाई करेगा. इसके अलावा कुछ हस्तक्षेप आवेदन भी सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हैं. एक वकील ने याचिका में कहा है कि कानून तो है लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की कमी है. याचिका में कार्यस्थलों पर दिशानिर्देशों का पालन ना होने का हवाला दिया है. याचिका में मांग की गई है कि हर रेप और हत्या के मामले में न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि किसी भी तरह के पक्षपात और दबाव से बचा जा सके. याचिका में मामले में सीबीआई जांच की निगरानी के लिए तीन रिटायर जजों की कमेटी के गठन की मांग की गई है.
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स ऑफ इंडिया (FAMCI) ने चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा और अखंडता में विश्वास बहाल करने के लिए तत्काल ध्यान देने और मजबूत सुरक्षा उपायों को लागू करने की मांग की है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल और उसके स्टाफ सदस्यों के लिए CRPF सुरक्षा की भी मांग की है.
पश्चिम बंगाल में एक रैली के दौरान TMC सांसद अरूप चक्रवर्ती ने डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर उन्हें चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि यदि हड़तालों के परिणामस्वरूप किसी मरीज की मौत हो जाती है और जनता का गुस्सा मेडिकल प्रोफेशनल्स पर निकलता है, तो अधिकारी उनकी सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा, “आंदोलन के नाम पर आप घर जा रहे हैं. अगर आपकी हड़ताल से कोई मरीज मर जाये और जनता का गुस्सा आप पर आये तो हम आपको नहीं बचायेंगे. अगर डॉक्टर अपना आंदोलन जारी रखेंगे तो जनता नाराज हो जाएगी. ग्रामीण अस्पताल का घेराव करेंगे और TMC बचाने नहीं आएगी.” अरूप चक्रवर्ती ने उन लोगों के हाथ मरोड़ने की भी धमकी दी जो ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.