Wednesday, September 18, 2024
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संकष्टी चतुर्थी : पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat : प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है और यह संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है भाद्रपद माह में यह तिथि आज 22 अगस्त को है इसे हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी, बहुला चौथ के नाम से भी जाना जाता है इस दिन संतान की सुख, समृद्धि के लिए माताएं व्रत रखती हैं इस व्रत के करने से संतान को खुशहाली, सफलता, संकटों से मुक्ति, समृद्धि प्राप्त होती है

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 22 अगस्त दोपहर 1.46 से होगी और अगले दिन 23 अगस्त को सुबह 10.38 पर इसका समापन होगा.

पूजा का शुभ मुहुर्त  (Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)

आज गणेश चतुर्थी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग, धृतिमान योग समेत कई शुभ फलदायी योग बन रहे हैं. शाम 6.40 – शाम 7.05 (बहुला चौथ की पूजा शाम के समय की जाती है) आज चंद्र दर्शन रात 08.51 बजे होगा.भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा करना अनिवार्य होता है इसके बिना ये व्रत पूरा नहीं माना जाता इसलिए व्रती चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि 

इस दिन आपने व्रत रखा है तो गेहूं से बने किसी भी प्रकार के भोजन का सेवन न करें इस दिन व्रती महिलाओं को इस दिन चाकू का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. इस दिन गायों की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन गौ पूजन के बाद घर में ही श्रीकृष्ण और विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए फूल, फल, सिंदूर, अक्षत, माला और दूर्वा अर्पित कर विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और मोदक गणेश जी को भोग लगाएं. दीपक जलाकर गणेश मंत्र का जाप करें. अंत में आरती करें. चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को खोलें.

संकष्टी चतुर्थी का महत्व 

आज की चतुर्थी भगवान गणेश के 32 स्वरूपों में से एक हेरंब देव को समर्पित है. भाद्रपद माह भगवान गणेशजी के जन्म का माह है. इसलिए इस माह में गणेश पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है. हेरंब संकष्टी चतुर्थी मुख्य रूप से गुजरात में मनाया जाता है कहते हैं इस दिन गौ माता की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस दिन व्रत रखने वाले लोग दूध और दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल नहीं करते. इस दिन गौ माता की पूजा अर्चना करने के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है.

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