रायपुर। महापौर एजाज ढेबर के मास्को यात्रा पर कथित तौर पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए मीनल चौबे ने कहा है कि महापौर ने निगम प्रशासन से इस यात्रा के लिए 10 लाख रुपये की स्वीकृति मांगी थी। सोमवार को महापौर ने अपनी मास्को यात्रा को अधिकारिक बताते हुए एम.ओ.यू. (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस सरकार ने वीजा और टिकट की व्यवस्था की थी।
मीनल चौबे ने दावा किया कि महापौर के पास प्राप्त पत्र में रूस सरकार का कोई आधिकारिक लोगो या सील नहीं था, और पत्र में लाईट मेट्रो ट्रेन का कोई उल्लेख नहीं था। इसके बजाय, पत्र में मास्को में आयोजित सम्मेलन के बारे में सामान्य चर्चा की गई थी जिसमें विभिन्न शहरों के महापौर, परिवहन और डिजीटल विकास मंत्री शामिल थे।
चौबे ने यह भी कहा कि महापौर ने 2 जुलाई 2024 को निगम सचिवालय को एक पत्र भेजा था, जिसमें यात्रा के लिए अनुमानित 10 लाख रुपये की स्वीकृति मांगी गई थी। इस पत्र में यात्रा खर्चों का विवरण, जैसे फ्लाइट फेयर, भोजन, और फाइव स्टार होटल में ठहरने के खर्च शामिल थे।
चौबे ने आरोप लगाया कि महापौर जिस एम.ओ.यू. की बात कर रहे हैं, वह वास्तव में एक संयुक्त बयान है, और एम.ओ.यू. केवल सरकारी स्तर पर किए जाते हैं, न कि व्यक्तिगत रूप से महापौर द्वारा। उन्होंने यह भी कहा कि लाईट मेट्रो ट्रेन के संबंध में कोई औपचारिक अनुमति या चर्चा राज्य सरकार से नहीं की गई थी, जो कि हास्यास्पद है।
पूर्व महापौरों के विदेश यात्राओं की तुलना करते हुए, चौबे ने महापौर एजाज ढेबर को सतही और गैर-जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि महापौर को बिना सोचे-समझे बयान देने से बचना चाहिए और यदि लाईट मेट्रो ट्रेन के विषय पर कोई चर्चा हुई थी तो उन्हें नगर निगम और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से इसकी जानकारी साझा करनी चाहिए थी।
चौबे ने महापौर के 15 नवंबर को विदेशी प्रतिनिधियों के रायपुर दौरे की संभावना पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या यह महापौर का व्यक्तिगत निमंत्रण है या नगर निगम का अधिकारिक निमंत्रण।
चौबे ने निष्कर्षतः महापौर के एम.ओ.यू. को रायपुर शहर की जनता के साथ भद्दा मजाक करार देते हुए कहा कि महापौर को गंभीरता से पेश आना चाहिए।