रायपुर, 7 सितंबर: राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में नुआखाई पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व के मौके पर रायपुर उत्तर विधायक और जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की गई, जिसमें पत्रकारों और दर्शनार्थियों ने भी भाग लिया।
विधायक पुरन्दर मिश्रा ने नुआखाई पर्व के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि यह ओडिशा का प्रमुख लोक पर्व है, जो पश्चिम ओडिशा के सीमावर्ती छत्तीसगढ़ क्षेत्रों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। नुआखाई भाद्रपद शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “नया खाना” (नुआ = नया, खाई = खाना)। यह पर्व नए धान की फसल के स्वागत में मनाया जाता है और किसानों और खेतिहर श्रमिकों द्वारा विशेष महत्व दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि पहले यह पर्व विभिन्न गाँवों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता था, लेकिन अब इसका दिन और समय जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों द्वारा तय किया जाता है। नुआखाई के अवसर पर लोग अपने ग्राम देवता की पूजा करते हैं और नए धान की बालियों, चिउड़े, मूंग और पूजा के फूलों की खरीदारी करते हैं। इस दिन गाँव और शहरों में लोग अपने घरों की सफाई और लिपाई-पुताई कर देवी अन्नपूर्णा का स्वागत करते हैं और नए कपड़े पहनकर एक-दूसरे को नुआखाई की शुभकामनाएँ देते हैं।
नुआखाई पर्व के दिन घरों में और सामूहिक रूप से “नवान्नभोज” (नए अन्न का भोज) आयोजित किया जाता है, जिसमें पहले देवी-देवताओं को भोग अर्पित किया जाता है और फिर सभी लोग मिलकर भोजन करते हैं। इस त्यौहार का उद्देश्य सामाजिक बंधनों को मजबूत करना और पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
विधायक पुरन्दर मिश्रा ने बताया कि इस पर्व के दौरान पश्चिम ओडिशा की लोक संस्कृति पर आधारित पारंपरिक नृत्यों की धूम रहती है और यह पर्व सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है