कावर्धा में हाल ही में हुई हिंसा ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से नाकामी को उजागर कर दिया है। इस हिंसा में एक परिवार का घर जला दिया गया, एसपी अभिषेक पलाव पर बर्बर हमला किया गया, और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन असली दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की कमी देखने को मिल रही है। विशेषकर इस गंभीर घटना के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के गृहक्षेत्र में होने की वजह से स्थिति और भी चिंताजनक है।
भाजपा सांसद ब्रिजमोहन अग्रवाल जी ने इस घातक घटना की निंदा करने की बजाय अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। उनकी यह प्रतिक्रिया उनकी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करती है।
सभी की निगाहें अब सरकार की ओर हैं कि वे इस अमानवीयता के खिलाफ ठोस कदम उठाए और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाए। यह प्रदेश की जनता की मांग है और इसे पूरी ताकत से उठाया जाएगा।