किताब घोटाला! 🚨 रायपुर के सिलियारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में लाखों स्कूल की किताबें रद्दी के भाव में बेची जा रही हैं, जो छात्रों को मुफ्त में वितरण के लिए खरीदी गई थीं। यह खुलासा सरकारी दावों की पोल खोलता है, जिनमें कहा गया था कि कक्षा 1 से 10 तक की किताबें छात्रों को मुफ्त में दी जा रही हैं।
बिंदा सोनकर स्कूल का दौरा:
आज मैंने रायपुर के बिंदा सोनकर स्कूल का दौरा किया और पाया कि बच्चों के पास किताबें नहीं हैं। सरकारी दावे के विपरीत, छात्र पढ़ाई के लिए फोटो कॉपी कर रहे हैं। कई छात्रों और उनके माता-पिता ने बताया कि सत्र का आधा हिस्सा समाप्त हो चुका है, और फिर भी उन्हें किताबें नहीं मिली हैं।
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की स्थिति:
अगर रायपुर जैसे बड़े शहर में यह स्थिति है, तो ग्रामीण इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
सरकार की लापरवाही:
इस मामले में सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल उठते हैं। अब हमें तुरंत कार्रवाई की जरूरत है ताकि बच्चों को उनकी किताबें समय पर मिल सकें और शिक्षा का अधिकार सुरक्षित रहे।