नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शामिल विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी प्रभावित राज्यों का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने नक्सलवाद को आदिवासी क्षेत्रों के विकास में सबसे बड़ी बाधा और मानवाधिकारों का सबसे बड़ा हनन करार दिया।
उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ में इस साल जनवरी से अब तक 237 नक्सली मारे गए, 812 गिरफ्तार हुए, और 723 ने आत्मसमर्पण किया। बैठक में यह भी बताया गया कि नक्सलवाद से लड़ने के लिए मोदी सरकार ने सुरक्षा व्यय को लगभग तीन गुना बढ़ाकर ₹3,006 करोड़ कर दिया है।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विकास कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से नक्सलविरोधी अभियानों का नियमित रिव्यू करने की अपील की, ताकि नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद की समस्या का समाधान संभव है, जिससे अंततः विकास का रास्ता खुल जाएगा और मानवाधिकारों का उल्लंघन भी समाप्त होगा।