बलौदाबाजार : कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज माँ खारून गंगा महाआरती का आयोजन महादेव घाट पर धूमधाम से किया गया। इस आयोजन में न केवल श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा, बल्कि यह धार्मिक और पर्यावरणीय जागरूकता का महत्वपूर्ण संदेश भी बना। इस अवसर पर माँ खारून गंगा महाआरती जन सेवा समिति और करणी सेना द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार चलाए जा रहे नदियों और पर्यावरण के संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाया गया।
खारून गंगा महाआरती अब केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि नदियों के प्रति आस्था और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बन चुकी है। पहले खारून नदी को एक साधारण नदी माना जाता था, लेकिन इस आरती के आयोजन के बाद इसे “माँ खारून” के रूप में श्रद्धा और सम्मान दिया जाने लगा है। इस बदलाव का श्रेय माँ खारून गंगा महाआरती जन सेवा समिति और करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह तोमर के अथक प्रयासों को जाता है।
माँ खारून गंगा महाआरती का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और नदियों के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस आयोजन ने समाज में खारून नदी के प्रति एक नई श्रद्धा और जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न किया है। अब लोग इसे एक पूजनीय नदी के रूप में देख रहे हैं, जिससे नदी संरक्षण की दिशा में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख राजनीतिक और धार्मिक नेता भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने स्वयं खारून नदी में स्नान किया, जिससे राज्यवासियों में एक सकारात्मक संदेश गया और लोग नदी को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित हुए।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक सामाजिक और पर्यावरणीय आंदोलन भी बन चुका है, जो आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और संरक्षित नदी का उपहार देने का संकल्प लेता है। महादेव घाट और करणी सेना की इस पहल ने नदियों के संरक्षण के महत्व को समाज में और अधिक प्रकट किया है।
कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने महाआरती में भाग लिया, और समाज में नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए संकल्प लिया।