रायपुर। (छत्तीसगढ़)। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने राजधानी रायपुर में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण पर चिंता जताते हुए साय सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि रायपुर के गुढ़ियारी, भनपुरी, सिलतरा और उरला क्षेत्र के उद्योगों से निकलने वाला काला धुआं और धूल न केवल इन इलाकों के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी बना हुआ है, बल्कि पूरे रायपुर शहर को भी प्रदूषण का शिकार बना रहा है। इसके अलावा, कबीरनगर, टाटीबंध, डीडीनगर, समता-चौबे कॉलोनी के लोग भी काली धूल से परेशान हैं।
विकास उपाध्याय ने कहा कि यह प्रदूषण न केवल स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है, बल्कि दमा, खांसी और अस्थमा के मरीजों को भी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बीजेपी की साय सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ व्यापारियों के मुनाफे पर केंद्रित है, जबकि आम जनता की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
पूर्व विधायक ने सवाल उठाया कि पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने साय सरकार से अपील की कि अगर सरकार को राज्य की जनता की भलाई में रुचि है, तो राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
उपाध्याय ने कहा कि शीत ऋतु में बिमारी का खतरा पहले ही बढ़ जाता है, और इस प्रदूषण के कारण दमा और अस्थमा जैसे रोगियों की स्थिति और गंभीर हो रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत प्रदूषण के खिलाफ ठोस कार्यवाही करें ताकि नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।