हाल में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक,ब्रिटेन में HMPV के मामलों में दोगुना इजाफा हुआ है। यूके स्वास्थ्य विशेषज्ञ चीनी अधिकारियों से इस वायरस के फैलने से संबंधित अहम जानकारी साझा करने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर इसे नियंत्रित किया जा सके।
सफर के दौरान संक्रमण से बचाव के तरीके
हवा से फैलने वाले वायरस के रूप में, HMPV हवाई अड्डों और हवाई जहाज़ों जैसे भीड़-भाड़ वाले वातावरण में तेज़ी से फैल सकता है। यात्रा के दौरान HMPV से खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सुझाव अपना सकते हैं। जैसे, डिजिटल चेक-इन, मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाना, हाथों को साफ रखना आदि।
क्या फिर बनेगी लॉकडाउन जैसी स्थिति?
अमर उजाला से बातचीत में अमेरिका में एचएमपीवी संक्रमितों का इलाज कर रहे फिजिशियन डॉ रविंद्र गोडसे कहते हैं, चीन की स्थिति को देखकर लोगों को भले ही डर लग रहा हो, वहां काफी तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं, पर वहां की स्थिति काफी अलग है जिसकी अन्य देशों से तुलना नहीं की जानी चाहिए।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के बढ़ने और बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करने का मुख्य कारण वहां कोविड के दौरान लागू की गई ‘जीरो-कोविड पॉलिसी’ है। वहां मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा जो बड़ी सख्ती के साथ दिसंबर 2023 तक चलता रहा। इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चे न तो स्कूल गए, न ही उनका दूसरे लोगों से मिलना-जुलना या संपर्क ज्यादा हुआ। यही वजह रही कि ऐसे बच्चों में प्राकृतिक इम्युनिटी विकसित ही नहीं हो पाई। इस वजह से वहां बच्चे इन नए म्यूटेटेड वायरस से अधिक प्रभावित देखे जा रहे हैं।
जबकि अन्य देशों में बच्चों में श्वसन रोगों को लेकर हर्ड इम्युनिटी बन चुकी है, ऐसे में और कहीं चीन जैसे हालात होंगे इसकी आशंका कम है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण लॉकडाउन की आशंका नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट शुरू
हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे।
पुणे जिला प्रशासन ने दी जानकारी
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आने पर पुणे के जिला प्रशासन ने कहा कि संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। ये कई श्वसन वायरस में से एक है जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण का कारण बन सकता है, खासकर सर्दियों में। वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित होता है, और अधिकांश रोगी अपने आप ठीक हो जाते हैं।
भारत में HMPV के मामले
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले बढ़ रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में बच्चे संक्रमित मिले हैं। वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात में भी केस सामने आए थे।
घबराएं नहीं, ज्यादातर संक्रमित आसानी से हो रहे हैं ठीक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह कोई नया और शक्तिशाली वायरस नहीं है।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा राज्य में संक्रमित पाए गए दोनों व्यक्ति ठीक हैं।”उनमें से एक 69 वर्षीय व्यक्ति है जो कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित है, जबकि दूसरा लगभग 45 वर्ष का है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जिन अन्य लोगों को ये संक्रमण हो रहा है वो आसानी से ठीक हो रहे हैं, इसलिए ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।
कैसे फैलता है ये संक्रमण?
सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में, एचएमपीवी अलग-अलग मौसमों में फैलता रहता है। सर्दियों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है। एचएमपीवी संक्रामक रोग है और संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में आसानी से फैलता है। इन माध्यमों से संक्रमण का प्रसार हो सकता है।
- खांसने और छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स।
- ऐसी वस्तुओं या सतहों को छूना जिन पर वायरस हो
- मुंह, नाक या आंखों को छूना।
संक्रमण से बचाव के लिए क्या करें?
डॉक्टर रविंद्र कहते हैं, भारत में न तो इससे बहुत ज्यादा खतरा है और न ही इससे बचाव के लिए कोई बहुत खास उपाय की आवश्यकता है।
श्वसन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए कोविड में जो उपाय किए जाते रहे थे (जैसे हाथों की स्वच्छता और इम्युनिटी बढ़ाने के प्रयास) वही काफी हैं। जिन लोगों को पहले से कोमोरबिडिटी है या किसी गंभीर रोग का शिकार रहे हैं जिसने इम्युनिटी बहुत बिगाड़ दिया है उन्हें मास्क लगाने और सामाजिक दूर का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।