हाकुंभ 2025 के दौरान साइबर अपराधी श्रद्धालुओं को ठगने के लिए विभिन्न तरीके अपना रहे हैं। इन ठगों द्वारा फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया लिंक और अन्य धोखाधड़ी के तरीकों से लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
ठगी के प्रमुख तरीके:
- फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया लिंक: साइबर अपराधी सस्ते दामों पर होटल, टेंट और अन्य सुविधाओं की बुकिंग का लालच देकर श्रद्धालुओं को धोखा दे रहे हैं। ऐसी वेबसाइट्स पर बुकिंग करने पर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
- फर्जी चंदा एकत्र करना: कुछ ठग महाकुंभ के नाम पर चंदा मांगकर लोगों से धनराशि ऐंठते हैं। ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहना जरूरी है।
- वायरस युक्त फाइल्स: कुछ प्लेटफॉर्म्स उपयोगकर्ताओं को वायरस युक्त फाइल्स डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी हैकर्स के हाथ लग जाती है।
सुरक्षा उपाय:
- महाकुंभ से संबंधित जानकारी और बुकिंग के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट्स का ही उपयोग करें। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने रजिस्टर्ड होटलों और टेंट सिटी की सूची जारी की है।
- अनजान या संदिग्ध लिंक और वेबसाइट्स पर क्लिक करने से बचें, विशेषकर वे जो सोशल मीडिया या अनचाहे संदेशों के माध्यम से प्राप्त होती हैं।
- अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स पर ही साझा करें।
ठगी का शिकार होने पर क्या करें: यदि आप साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
महाकुंभ 2025 के दौरान साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे हमेशा अपने ऑनलाइन व्यवहार में सतर्क रहें और धोखाधड़ी से बचें।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें।