रायपुर। (छत्तीसगढ़) लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक स्तर पर वित्तीय मामले में काफी ज्यादा कमजोर पड़ रहे भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने कहा कि वर्तमान में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की कार्य परिषद् ने विश्वविद्यालय यांत्रिकी विभाग के प्रस्ताव पर राजभवन को दो सफाईकर्मी देने का निर्णय लिया है। इसका भुगतान विश्वविद्यालय अपने कोष से प्रदान करेगा। कार्य परिषद् के निर्णय से राज्य शासन की प्रशासनिक एवं वित्तीय क्षमता उजागर हो गई है यह दुर्भाग्यजनक है कि छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी की सरकार राजभवन जैसे संस्था को दो सफाईकर्मी उपलब्ध कराने में असमर्थ प्रतीत हो रही है। उपाध्याय ने कहा चूंकि यह राजभवन की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ गरीमा का प्रश्न है इसलिए इस बात की जाँच राज्य शासन को एवं राजभवन कार्यालय को करनी चाहिए कि विश्वविद्यालय का यांत्रिकी विभाग इसके प्रस्ताव पर एवं निर्देश पर विश्वविद्यालय की कार्य परिषद् ने सफाईकर्मी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है। विकास उपाध्याय ने कहा कि निश्चित रूप से कार्य परिषद् के इस निर्णय से राजभवन की गरीमा को विश्वविद्यालय ने धूमिल करने का प्रयास किया है और मेरा मानना है कि निश्चित रूप से राजभवन ने ऐसा कोई लिखित प्रस्ताव विश्वविद्यालय को नहीं दिया होगा कि विश्वविद्यालय अपने निधि से भुगतान कर राजभवन को सफाईकर्मी भेजे। जिस पर विकास उपाध्याय ने बीजेपी की सरकार से प्रश्न पूछा है कि क्या आपके वित्तीय मंत्री एवं पूरी सरकार इतने ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं? क्या भारतीय जनता पार्टी की सरकार दो सफाईकर्मी तक को नियुक्त नहीं कर पा रही? और यदि ऐसा आदेश रविशंकर विश्वविद्यालय के संबंधित कर्मचारी द्वारा निकाला गया है तो उनके ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए।
उपाध्याय ने कहा कि अगर आर्थिक रूप से राजभवन जैसी संस्था जूझ रही है मानलो तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद क्या है? और आने वाले दिनों में अगर सरकार की वित्तीय स्थिति नहीं सुधरी तो इसका भार सीधे छत्तीसगढ़ की जनता के ऊपर पड़ने वाला है जिसके लिए वर्तमान सरकार किसी भी प्रकार का निर्णय लाकर जनता से वसूल करने का काम करेगी।