
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने हाल ही में बजट प्रस्तुत करते हुए छत्तीसगढ़ के महानायकों के शौर्य और संघर्षों का उल्लेख किया था, जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बजट को “कवि सम्मेलन” करार दिया। उनके इस बयान पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के महानायकों का उपहास उड़ा रहे हैं।
अमित चिमनानी ने अपने बयान में कहा, “वीर गुंडाधुर और शहीद वीर नारायण सिंह, जिनकी तलवार से अंग्रेज भी थर-थर कांपते थे, भूपेश बघेल आप उनका उपहास क्यों उड़ा रहे हैं? अगर वित्त मंत्री बजट में गुरु घासीदास जी के महान संदेशों का वर्णन कर रहे हैं, तो आप उनका उपहास क्यों कर रहे हैं?” चिमनानी ने यह भी कहा कि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की अस्मिता और जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है, और उनके बयान ने राज्य की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
उन्होंने आगे कहा, “छत्तीसगढ़ में हर व्यक्ति अपनी सुबह की शुरुआत राम-राम और जय जोहार से करता है, और वित्त मंत्री ने अपने बजट में यही किया, तो भूपेश बघेल को आपत्ति क्यों हो रही है? क्या हम वीर गुंडाधुर और शहीद वीर नारायण सिंह के शौर्य की बातें करेंगे तो क्या भूपेश बघेल हमें रोकेंगे? क्या हम अपने प्रदेश को चार तीर्थ मानेंगे तो क्या भूपेश बघेल हमें रोक सकते हैं?”
अमित चिमनानी ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल लगातार अपने बयानों के जरिए छत्तीसगढ़ के महानायकों और जनता का अपमान कर रहे हैं। उनका यह बयान छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। भाजपा ने भूपेश बघेल से अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की है और कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने बयानों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
इस विवाद ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक माहौल में गर्मी बढ़ा दी है, और अब देखना होगा कि इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पार्टी का क्या रुख होगा।