
रायपुर। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है। उपाध्याय ने बजट को ‘विज्ञापनों वाला बजट’ करार दिया और कहा कि इसमें न तो वर्तमान में जनता को कोई लाभ दिखाई दे रहा है, न ही भविष्य में।
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि 2023 के चुनावी घोषणा पत्र में जो बड़े-बड़े वादे किए गए थे, वे अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए बजट में जो कटौती की गई है, वह सरकार की किसान विरोधी नीति को उजागर करती है।
इसके अलावा, गैस सिलेंडर को 500 रुपये में देने का वादा भी बजट में शामिल नहीं किया गया है। 2022 के बजट में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की गई थी, लेकिन उसकी कोई प्रगति नहीं दिखाई दी। वहीं, इस बार बजट में फिर से 20,000 भर्ती का दावा किया गया, जिसे उपाध्याय ने जनता को भ्रमित करने की कोशिश बताया।
उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने टैक्स में कमी करने या शराब के मूल्य घटाने पर चर्चा की, लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ होल्डिंग और विज्ञापनों की सरकार बन गई है, और इसीलिए जनसंपर्क के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, ताकि जनता को विज्ञापनों के माध्यम से दिखाया जा सके।
कुल मिलाकर, उपाध्याय ने इस बजट को ‘कागजी’ बताया और कहा कि इससे किसी भी वर्ग के लोगों को न तो वर्तमान में कोई फायदा होगा, न ही भविष्य में।