
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के लिए बजट 2025 में कोई घोषणा या प्रावधान न होने से कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। इन कर्मचारियों का कहना है कि उनकी नियमितीकरण, स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यून मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन और आउट सोर्सिंग/ठेका व्यवस्था को समाप्त करने जैसी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
अनियमित कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके मंच पर आकर उनकी समस्याओं को सुना था और आश्वासन दिया था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो इन मुद्दों का समाधान शीघ्र किया जाएगा। इसके बाद, अनियमित कर्मचारियों ने भाजपा को जीत दिलाने में अपनी पूरी मेहनत और जिम्मेदारी निभाई, लेकिन अब सरकार द्वारा बजट में कोई ठोस कदम न उठाने पर वे आहत महसूस कर रहे हैं।
आंदोलन की चेतावनी
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन ने अपनी 50 से अधिक सहयोगी संघों के साथ मिलकर 13 अप्रैल 2025 को रायपुर में जंगी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। संघों ने सरकार से अपनी मांगों को तत्काल स्वीकार करने की मांग की है।
प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों और संघों के पदाधिकारियों से अपील की गई है कि वे लंबे अनियमित आंदोलन के लिए अपने आपको तैयार रखें और 13 अप्रैल के प्रदर्शन में भाग लें।
कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया तो वे अपने हक के लिए सख्त कदम उठाएंगे।