
देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने हेतु राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में प्रमुख सुझाव दिए। बैठक में कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। यह बैठक नया सर्किट हाउस, सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित की गई।
कैट के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य आयुक्त (कस्टम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय जीएसटी) चंद्र प्रकाश गोयल और राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र कुमार मीणा से मुलाकात की और जीएसटी के विभिन्न मुद्दों पर सुझाव दिए।
मुख्य सुझाव निम्नलिखित थे:
- विक्रेता पर कार्रवाई: विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट: जीएसटीआर 2B के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मान्य होना चाहिए।
- छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट: छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए संशोधन की सुविधा दी जानी चाहिए।
- ई-इनवॉइसिंग: 1 अगस्त 2023 से रु. 5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधानों को वापस लिया जाए।
- जीएसटी दर में कमी: जीएसटी दरों में कमी करने के लिए सुझाव।
- न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार: दंड की न्यूनतम सीमा पर पुनर्विचार किया जाए।
- जीएसटीआर 3बी और जीएसटीआर 1: पूर्व माह का जीएसटीआर 3बी न जमा होने पर जीएसटीआर 1 जमा करने पर प्रतिबंध पर विचार किया जाए।
- व्यवसाय को राहत देने के लिए सुझाव: छोटे व्यापारियों को राहत देने और जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु सुझाव।
बैठक में कैट और चैंबर के पदाधिकारी जैसे जितेन्द्र दोशी, राकेश ओचवानी, निलेश मुंदडा, राम मंधान, राजेन्द्र खटवानी और तकनीकी टीम के सदस्य सीए मुकेश मोटवानी भी मौजूद थे।
यह बैठक व्यापारियों के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई, जहां जीएसटी के सुधार हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।