
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक ऐतिहासिक सौगात दी है। 8741 करोड़ रुपये की लागत वाली खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना से राज्य के लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, रायपुर डीआरएम सहित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में परियोजना के क्रियान्वयन और रेलवे से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान: सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह परियोजना केवल एक रेल लाइन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक नया ट्रैक है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना बलौदाबाजार जैसे उन क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगी, जो अब तक इससे वंचित थे। इससे युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, और कोयला, सीमेंट तथा लौह अयस्क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्पादन और परिवहन को भी नई गति मिलेगी।
इसके अलावा, अग्रवाल ने रायपुर लोकसभा क्षेत्र में रेलवे सुविधाओं के विस्तार और यात्री सेवाओं में सुधार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने रायपुर से विभिन्न गंतव्यों के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग की, साथ ही रायपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रमुख स्टेशनों को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत विकसित करने का अनुरोध किया।
गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण परियोजना: बैठक में गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दी गई, जिससे छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच यातायात की सुगमता और औद्योगिक सहयोग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार: अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ की जरूरतों और विकास क्षमता को पहचानते हुए राज्य को ‘विकास के फास्ट ट्रैक’ पर लाने का कार्य किया है। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी और राज्य को आत्मनिर्भर भारत के सपने के और करीब ले जाएगी।