
रायपुर। “जल ही जीवन है, पानी की एक-एक बूंद बचाएं”, जैसे अनेक नारों के साथ, रायपुर शहर के एक महत्वपूर्ण जल स्त्रोत गजराज बांध को बचाने के लिए ग्रीन आर्मी संस्था ने सक्रिय कदम उठाए हैं। यह ऐतिहासिक जल स्त्रोत, जो कभी 230 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ था, अब अतिक्रमण और उपेक्षा के कारण गंभीर संकट में है। रायपुर के राजधानी बनने के 25 वर्षों बाद भी यह जलस्त्रोत सुधार की प्रक्रिया से बाहर रहा है, जिससे इसकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
ग्रीन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमिताभ दुबे ने इस चिंता को व्यक्त करते हुए कहा कि गजराज बांध की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। विकास और सौंदर्यीकरण के नाम पर हुए अतिक्रमण के कारण आज यह जलस्त्रोत अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है।
इसी मुद्दे को लेकर ग्रीन आर्मी की 25 सदस्यीय टीम ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात की और रायपुर शहर के इस महत्वपूर्ण जल स्रोत को बचाने की अपील की। संस्था के मीडिया प्रभारी शशिकांत यदु ने बताया कि ग्रीन आर्मी संस्था पिछले 8 वर्षों से इस दिशा में लगातार काम कर रही है और “एक व्यक्ति, एक धमेला” योजना के तहत गहरीकरण कार्य भी स्वेच्छा से किया गया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, और सारी योजनाएं कागजों तक सीमित रही हैं।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के सभी तालाबों और सरोवरों को धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाए, ताकि भूजल स्तर में वृद्धि हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि गजराज बांध और बोरियाखुर्द को उनके संपूर्ण आकार में विकसित किया जाएगा और इस हेतु तत्काल कार्य योजना तैयार की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने ग्रीन आर्मी टीम की सराहना करते हुए संस्था प्रमुख अमिताभ दुबे, जिला अध्यक्ष गुरदीप टुटेजा और उपस्थित सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस महत्वपूर्ण कार्य को सरकार की पूरी प्राथमिकता दी जाएगी।
ग्रीन आर्मी द्वारा किए गए इस प्रयास को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही गजराज बांध की पुनर्निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी।