
रायपुर। राजधानी रायपुर के बोरिया खुर्द स्थित नवरंग पब्लिक स्कूल को लेकर दो पक्षों के बीच गहरा विवाद सामने आया है। यह स्कूल प्रियंवदा लोक कल्याण समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो पिछले 13 वर्षों से शहर में सक्रिय है। विवाद का केंद्र बना है स्कूल की पूर्व अध्यक्षिका मंजू परिहार, जिन पर स्कूल में जबरदस्ती घुसने और तालाबंदी तोड़ने के गंभीर आरोप लगे हैं।
आज स्कूल के टीचर्स और वर्तमान प्रिंसिपल ने टिकरापारा थाने पहुंचकर मंजू परिहार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि मंजू परिहार लगभग 13 वर्ष पहले समिति की अध्यक्ष थीं और उनके नाम से ही उनके निजी भूखंड पर स्कूल की स्थापना की गई थी। हालांकि, यह ज़मीन आज भी लोन पर है और समिति का संचालन अब नए अध्यक्ष के नेतृत्व में हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में मंजू परिहार को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था, लेकिन अप्रैल 2025 में उन्होंने स्कूल में तालाबंदी कर दी। जवाब में समिति के नए अध्यक्ष ने कलेक्टोरेट में शिकायत दर्ज कराई और कानूनी प्रक्रिया के तहत 15 दिनों की तालाबंदी का नोटिस भी प्राप्त किया।
विवाद तब और गहरा गया जब एक सप्ताह पहले मंजू परिहार ने स्कूल का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया और कथित रूप से कुछ युवकों को स्कूल परिसर में बैठाकर ‘दबंगई’ का माहौल बनाया। वर्तमान प्रशासन इसे अनुचित कब्जा और कार्य में बाधा मान रहा है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, और दोनों पक्षों से बयान लिए जा रहे हैं। यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है, बल्कि बच्चों के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहा है।
अब सबकी निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक फैसले पर टिकी हैं। क्या मिलेगा स्कूल को न्याय? क्या शिक्षा पर सियासत भारी पड़ रही है?