
रायपुर। छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने राज्य के मध्यम एवं निम्न वर्गीय परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में राहत दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी विद्यालयों में पुस्तकों के मूल्य निर्धारण की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश के भिंड जिला कलेक्टर द्वारा निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के लिए निर्धारित पुस्तक मूल्य प्रणाली को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए।
उपाध्याय ने बताया कि भिंड में कलेक्टर के आदेशानुसार कक्षा 1–2 के लिए ₹800, कक्षा 3–4 के लिए ₹900, कक्षा 5 के लिए ₹1000 तथा कक्षा 6–8 के लिए ₹1200 की सीमा तय की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि यही प्रणाली छत्तीसगढ़ में भी लागू की जाए, जिससे निजी स्कूल मनमाने दामों पर किताबें न बेच सकें।
उन्होंने कहा, “आज के दौर में महंगाई लगातार बढ़ रही है, और निजी स्कूलों में महंगी किताबों के कारण अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यदि यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ में लागू होती है, तो यह एक जनहित में ऐतिहासिक निर्णय होगा, जिससे हजारों पालकों को सीधा लाभ मिलेगा।”
पूर्व विधायक ने आशा जताई कि मुख्यमंत्री इस सुझाव पर गंभीरता से विचार कर उचित कदम उठाएंगे, ताकि राज्य के बच्चों को शिक्षा का अधिकार सुलभ और किफायती रूप में प्राप्त हो सके।
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