
रायपुर। महंगाई की मार झेल रहे करोड़ों मोबाइल यूजर्स को जल्द ही एक और बड़ा झटका लग सकता है। साल 2025 के अंत तक मोबाइल रिचार्ज प्लान्स में 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इस फैसले का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।
2025 के अंत तक महंगे होंगे टैरिफ प्लान्स
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवंबर-दिसंबर 2025 तक प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां – भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया – अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स की कीमतों में इजाफा कर सकती हैं। यह बीते छह वर्षों में चौथी बार होगा जब टैरिफ में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
क्यों महंगे होंगे रिचार्ज?
टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार, टैरिफ बढ़ोतरी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
-
5G नेटवर्क विस्तार की बढ़ती लागत
-
स्पेक्ट्रम की खरीद और भुगतान
-
नियामक शुल्क और लाइसेंस फीस
-
नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश
-
कमाई और मुनाफा बनाए रखने की चुनौती
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में मोबाइल डेटा की कीमतें अभी भी वैश्विक औसत के मुकाबले बेहद कम हैं, और टेलीकॉम सेक्टर को स्थिर बनाए रखने के लिए टैरिफ में यह बढ़ोतरी आवश्यक मानी जा रही है।
यूजर्स पर पड़ेगा असर
बढ़ते टैरिफ का असर हर उस यूजर पर पड़ेगा जो मोबाइल फोन पर इंटरनेट या कॉलिंग सर्विस का उपयोग करता है। इससे:
-
मासिक रिचार्ज महंगे होंगे
-
डेटा प्लान्स की वैधता घट सकती है
-
कम बजट वाले यूजर्स को झटका लग सकता है
वोडाफोन आइडिया को राहत, फिर भी चुनौती बरकरार
हाल ही में वोडाफोन आइडिया को सरकार की ओर से ₹36,950 करोड़ के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने की मंजूरी मिली है। इसके बावजूद, कंपनी को राजस्व बढ़ाने और सेवाएं बेहतर करने के लिए टैरिफ बढ़ाना ज़रूरी बताया जा रहा है।
निष्कर्ष:
यदि आप मोबाइल रिचार्ज कराने की सोच रहे हैं, तो हो सकता है आने वाले महीनों में आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ें। टेलीकॉम कंपनियों की मंशा साफ है – सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने और 5G जैसी हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राजस्व में इजाफा जरूरी है।