
रायपुर। घर-घर लग रहे स्मार्ट मीटर अब उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकते हैं। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) ने 367 करोड़ रुपए की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है। यह राशि स्मार्ट मीटर की लागत वसूलने के लिए “सरचार्ज” के रूप में जोड़ी जा सकती है।
पहले मुफ्त में लगे मीटर, अब हो सकती है वसूली!
राज्य में अब तक 11.5 लाख से अधिक घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शुरुआत में इन्हें उपभोक्ताओं को बिल्कुल मुफ्त बताया गया, लेकिन अब CSPDCL ने याचिका के ज़रिए स्मार्ट मीटर की लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की तैयारी कर ली है।
टैरिफ बढ़ाने की तैयारी, बढ़ेगा उपभोक्ताओं पर बोझ
CSPDCL ने इससे पहले 4,559 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई के लिए टैरिफ बढ़ाने की मांग की थी। अब स्मार्ट मीटर सरचार्ज जोड़कर यह आंकड़ा 4,926 करोड़ तक पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि सीधा चार्ज नहीं, लेकिन “सरचार्ज” के रूप में यह वसूली संभव है।
आयोग में सुनवाई और जून में टैरिफ घोषणा संभव
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमन्त वर्मा ने बताया कि याचिका का परीक्षण किया जा रहा है। जून तक आयोग में रिक्त पदों की नियुक्ति, जनसुनवाई और फिर नए टैरिफ की घोषणा की जा सकती है।
प्री-पेड मीटरिंग अभी दूर
फिलहाल स्मार्ट मीटरों से रीडिंग और बिलिंग पुरानी प्रणाली के अनुसार ही हो रही है। प्री-पेड सिस्टम शुरू होने में अभी कुछ माह लग सकते हैं। इस सिस्टम में मोबाइल की तरह उपभोक्ता बैलेंस रिचार्ज कर बिजली उपयोग कर सकेंगे।
“मोर बिजली” ऐप से खपत पर नजर
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को रोजाना बिजली खपत की जानकारी ‘मोर बिजली’ मोबाइल ऐप के जरिए उपलब्ध करवा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता बनी हुई है। मगर वित्तीय पारदर्शिता पर अब सवाल उठने लगे हैं।