
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमाओं पर हालात संवेदनशील बने हुए हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री देश को हालिया सैन्य कार्रवाई और भारत की सुरक्षा तैयारियों से अवगत कराएंगे।
भारतीय सेना का स्पष्ट संदेश: भारत के पास प्रभावी रक्षा तंत्र
प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले भारतीय सेना के तीनों अंगों – थल सेना, वायु सेना और नौसेना – के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेस वार्ता कर देश की सैन्य तैयारियों की जानकारी दी। थल सेना के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वायु सेना के एयर मार्शल ए.के. भारती, और नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने संयुक्त रूप से कहा कि “भारत के पास एक प्रभावी और विस्तारित वायु रक्षा तंत्र है जो सभी खतरों से निपटने में सक्षम है।”
एयर डिफेंस ने पाकिस्तान को किया विफल
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय एयरफील्ड पर किए गए हमलों को भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया। “हमारी सभी एयरफील्ड सुरक्षित हैं जबकि पाकिस्तान की वायु सेनाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। BSF (सीमा सुरक्षा बल) ने भी मोर्चे पर बहादुरी से सहयोग दिया और उनके काउंटर अलार्म सिस्टम ने एयर डिफेंस का अहम हिस्सा बनते हुए पाकिस्तान के हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभाई,” उन्होंने कहा।
पहलगाम आतंकी हमले से बिगड़े रिश्ते, ऑपरेशन सिंदूर बना जवाब
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस जवाबी कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान चार दिनों तक ड्रोन, रॉकेट और मिसाइलों से जम्मू, पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला, जालंधर और जैसलमेर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश करता रहा।
भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर को दी मंजूरी
संघर्ष में पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने भारत से संघर्ष विराम की गुहार लगाई। भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर को मंजूरी दी और फिलहाल सीमाओं पर स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। सेना के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से अभी रुख शांतिपूर्ण है, लेकिन भारतीय सैनिक पूरी तरह अलर्ट पर हैं।
आज रात प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन में आगे की रणनीति और भारत की रक्षा नीति को लेकर अहम घोषणाएँ संभव हैं, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं।