Tuesday, May 13, 2025
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रायपुर : नक्सल ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ सरकार में भारी विरोधाभास – भूपेश बघेल

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने बीजापुर में नक्सल ऑपरेशन को लेकर राज्य सरकार की कथित असंगतियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह आरोप लगाए।

भूपेश बघेल ने कहा कि 8 मई की रात बीजापुर में जो घटना घटी, उसके बाद राज्य सरकार के बयानों में विरोधाभास सामने आया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ऑपरेशन संकल्प के तहत 22 नक्सली मारे गए, जबकि गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ऐसा कोई ऑपरेशन हुआ ही नहीं है और यह संख्या झूठी है।

भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि यदि कोई ऑपरेशन नहीं चला तो बीजापुर जिला अस्पताल में 22 शव पोस्टमार्टम के लिए कैसे पहुंचे? उन्होंने कहा कि मीडिया को शवगृह में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिससे संदेह और गहराया।

प्रेस विज्ञप्ति में भी विरोधाभास

भूपेश बघेल ने बताया कि 12 मई को पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया:

  • ऑपरेशन संकल्प में 31 नक्सली मारे गए।

  • इनमें से 20 शवों की पहचान की जा चुकी है।

  • केवल 11 शवों को परिजनों को सौंपा गया, बाकी की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

बघेल ने इस पर सवाल उठाया:“अगर 20 शवों की पहचान हो गई है, तो सिर्फ 11 क्यों सौंपे गए? और अगर 20 की पहचान हो गई है, तो फिर पहचान की प्रक्रिया कैसे जारी है?”

भूपेश बघेल ने सरकार से पूछे सीधे सवाल:

  1. क्या ऑपरेशन संकल्प वास्तव में चला? यदि हां, तो उसका पूरा विवरण क्या है?

  2. क्या यह संभव है कि पुलिस ऑपरेशन चलाए और गृहमंत्री को इसकी जानकारी न हो?

  3. अगर 31 नक्सली मारे गए, तो बीजापुर अस्पताल में सिर्फ 22 शव ही क्यों पहुंचे?

  4. इस “बड़ी सफलता” की घोषणा में देरी क्यों हुई?

  5. जिन शवों की पहचान की गई है, उनके नाम और विवरण क्या हैं?

  6. जिन शवों को परिजनों को सौंपा गया, उनके परिजन कौन हैं और उनका मृतकों से क्या संबंध है?

  7. अब तक कितने शवों की पहचान बाकी है?

“सरकार जवाबदेही से नहीं बच सकती” – बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नक्सलवाद के खिलाफ हर लड़ाई में सरकार का समर्थन करती है, लेकिन इससे सरकार अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकती। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पारदर्शिता की मांग की और कहा कि अगर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं, तो उन्हें पद से हट जाना चाहिए।

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