
रायपुर। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और व्यापारिक दिशा को नई गति देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई अहम संशोधनों को मंजूरी दी गई। इस निर्णय का स्वागत करते हुए देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों ने इसे व्यापार, उद्योग और पर्यटन के लिए “नया आयाम” देने वाला बताया है।
कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द जैन, महामंत्री सुरिन्द्र सिंह और कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि यह नीति राज्य में निवेश, रोजगार और व्यापार के विस्तार के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
कैट के प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द जैन ने बताया कि संशोधित औद्योगिक नीति अब और अधिक रोजगारोन्मुखी, व्यापक और उद्यमियों के लिए लाभकारी हो गई है। इस नीति के तहत कई नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्न शामिल हैं:
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ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को अब राज्य के सभी विकासखंड समूहों में मान्यता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी इन सेवाओं का विस्तार होगा।
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पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट निर्माण हेतु निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
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कपड़ा उद्योग को 200% तक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे कुटीर उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी और महिला उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा।
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नई लॉजिस्टिक नीति के तहत छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे व्यापारियों को परिवहन और माल ढुलाई में सुविधा होगी।
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ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज प्रदान किए जाएंगे, साथ ही निजी औद्योगिक पार्कों के लिए अधोसंरचना अनुदान में वृद्धि और प्लग एंड प्ले फैक्टरियों को प्रोत्साहन मिलेगा।