
भारत निर्वाचन आयोग ने देश में चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और मजबूत बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ संवाद की पहल तेज कर दी है। इसी कड़ी में आज नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष कॉनराड संगमा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी से निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में मुलाकात की।
अब तक 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। इनमें से:
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40 बैठकें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ,
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800 बैठकें जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ,
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और 3,879 बैठकें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के साथ हुई हैं।
इन बैठकों में विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लेकर अपनी राय और सुझाव साझा किए।
राजनीतिक दलों से सीधे संवाद का उद्देश्य
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि इस संवाद का उद्देश्य केवल चुनावी प्रक्रिया के संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर राजनीतिक दल की सहभागिता से लोकतांत्रिक ढांचा और मजबूत हो। उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल के जरिए मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत सुधारात्मक सुझावों को एकत्र कर वास्तविक परिवर्तन की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
पहले भी हो चुकी हैं महत्वपूर्ण मुलाकातें
निर्वाचन आयोग ने इसी सिलसिले में हाल ही में विभिन्न प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी, जिनमें शामिल हैं:
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कु. मायावती, अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी (06 मई 2025)
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जगत प्रकाश नड्डा, अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी (08 मई 2025)
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एम. ए. बेबी, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (10 मई 2025)
इन बैठकों में दलों ने चुनाव सुधार, ईवीएम पारदर्शिता, आचार संहिता के पालन, और निर्वाचन खर्च की निगरानी जैसे विषयों पर चर्चा की।
आयोग का संकल्प: “लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करना”
भारत निर्वाचन आयोग का यह प्रयास दर्शाता है कि वह न केवल चुनावों के संचालन के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि हर मतदाता और राजनीतिक दल का विश्वास इस व्यवस्था में बना रहे।