रायपुर (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ में 150 करोड़ से अधिक के किताब घोटाले की जांच हेतु कांग्रेस द्वारा एक महत्वपूर्ण समिति का गठन किया गया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय की अगुवाई में आयोजित इस बैठक में समिति के सदस्यों ने कई अहम निर्णय लिए।
समिति ने पाया कि यह घोटाला लगभग 100 करोड़ का था, लेकिन जांच के दौरान यह राशि डेढ़ सौ करोड़ के पार जा सकती है। सदस्यों ने शासकीय जांच समिति पर संदेह जताते हुए कई लोगों को हटाने की मांग की है। इसके साथ ही, जांच दल सेक्रेटरी रेनू पिल्ले से मुलाकात कर पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 5 से 10 करोड़ की किताबें डंप करने का अंदेशा है। पाठ्य पुस्तक माफिया के खिलाफ श्वेत पत्र जारी करने और नई नीति बनाने की मांग की गई। समिति ने यह भी उल्लेख किया कि सत्र के आधे समय के बीत जाने के बावजूद कई बच्चों को पुस्तकें नहीं मिलीं।
उपाध्याय ने कहा कि 15 सितंबर 2024 को सिलयारी के पेपर मील में लाखों किताबें कबाड़ में मिलीं, जिससे इस महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ। राजनांदगांव में भी बड़ी संख्या में किताबें कबाड़ में पाई गईं, जिन्हें पाठ्यपुस्तक निगम के गोदाम से बेचा गया था।
कांग्रेस की यह जांच समिति आने वाले दिनों में इस घोटाले को लेकर जनता के बीच जाएगी और मामले की गंभीरता को उजागर करेगी।