कांकेर। दुर्गा पंडाल में आया भालू शक्ति आराधना का पर्व नवरात्र शुरू हो चुका है। पूरे भारत में जहां एक ओर नवरात्रि में माता की मूर्ति की स्थापना की जा रही है तो दूसरी ओर गरबा की धूम देखने को मिल रही है। लोग पैदल, गाड़ी और अन्य साधनों से माता के दरबार पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में कल यानि शनिवार 5 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कांकेर के एक दुर्गा पंडाल में भालू आ गया, जिसके बाद अफरातफरी मच गई।
मिली जानकारी के अनुसार माता सेवा करने के बाद देर रात माता के सेवक दुर्गा पंडाल में सो रहे थे। इसी दौरान एक भालू वहां आ पहुंचा। दुर्गा पंडाल में भालू को देखकर हड़कंप मच गया और शोर मचाने लगे। हालांकि ग्रामीणों की शोर की आवाज सुनकर भालू जंगल की ओर भाग गया। बता दें कांकेर छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में आता है, जहां आए दिन शहर में भालू देखने को मिलता है।
बता दें कि आज नवरात्रि का चौथा दिन है। इस पावन पर्व के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यताओं के मुताबिक जब दुनिया का निर्माण भी नहीं हुआ था, तब हर ओर अंधकार था। ऐसे में मां कूष्मांडा ने अपनी हल्की सी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। इनकी आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा कहते हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जाप माला है। कूष्मांडा माता शेर पर सवार रहती हैं। माता के पूजन से भक्तों के समस्त प्रकार के कष्ट रोग, शोक संतापों का अंत होता है तथा दीर्घायु एवं यश की प्राप्ति होती है।