रायपुर: छत्तीसगढ़ में बढ़ती लकड़ी तस्करी के खिलाफ पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने शनिवार को रायपुर के डीएफओ कार्यालय का घेराव किया। उन्होंने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मिलकर एक घंटे से ज्यादा समय तक डीएफओ को घेर कर कार्रवाई की मांग की।
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश में लकड़ी तस्करी भाजपा नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, और यह गंभीर भ्रष्टाचार की स्थिति है।
उन्होंने बताया कि अवैध लकड़ी का परिवहन करने में फॉरेस्ट विभाग की मिलीभगत है। उपाध्याय ने सवाल उठाया कि कैसे गोला लकड़ी, जो उड़ीसा में बैन है, छत्तीसगढ़ की सीमा में पहुंच रही है। उन्होंने डीएफओ से पूछा कि जब 19 सितंबर को रायपुर में गोला लकड़ी जब्त की गई थी, तो इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
उपाध्याय ने बताया कि कुछ टिम्बर कंपनियां और ठेकेदार गलत दस्तावेजों के माध्यम से लकड़ी मंगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ वन विभाग और उड़ीसा वन विभाग के बीच संचार चल रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस अवैध तस्करी के पीछे बड़े लोग शामिल हैं और इसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। घेराव में उपाध्याय के साथ कई अन्य कांग्रेसी नेता भी उपस्थित थे, जिन्होंने डीएफओ से लिखित जवाब की मांग की।
यह घेराव दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार और तस्करी के खिलाफ गंभीर है और इसे समाप्त करने के लिए कार्रवाई की मांग कर रही है।